इंदौर। मप्र शासन के खर्चे पर आयोजित एक कार्यक्रम जिसका नाम अंत्योदय मेला बताया गया था, केबीनेट मंत्री कैलाश विजयर्गीय की आमसभा से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।
जब तक माननीय मंत्रीजी रहे सबकुछ चकाचक था। मंत्रीजी के जाते थे शटर बंद हो गए। स्टॉल उखड़ने लगे। किसान भटकते रहे, किसी को कुछ नहीं मिला।
सर्टिफिकेट के जगह बांटी फोटोकॉपी
अंत्योदय मेले में शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी से संबंधित विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए गए थे। इनमें राजस्व, जिला शिक्षा केंद्र, अंत्यवसायी योजना, आदिम जाति कल्याण विभाग, स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, सामाजिक न्याय सहित अनेक विभाग शामिल थे। महिला बाल विकास विभाग द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत लाभ लेने वाले परिवारों को बांटे जाने वाली (राष्ट्रीय बचत पत्र) एनएससी की जगह हितग्राहियों को उसकी फोटोकॉपी बांटकर रवाना कर दिया। मूसाखेड़ी से आई वंदनाबाई ने बताया कि हमने सर्टिफिकेट मांगे तो वहां पर अधिकारियों ने कहा कि अभी बने नहीं हैं, इसलिए बाद में ऑफिस से आकर ले जाना।
शिकायत काउंटर पर परेशान रहे लोग
मेले में लोगों को किसी भी परेशानी से निजात दिलवाने के लिए प्रशासन ने शिकायत काउंटर बनाया था, लेकिन वहां कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। दीनू सांकला ने बताया कि मेले के बारे में जानकारी के लिए शिकायत शाखा पर आया तो यहां कोई नहीं मिला। सभी एक-दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी डाल रहे थे। सबसे ज्यादा परेशानी हितग्राहियों को खाने के दौरान उठाना पड़ी। भोजन की व्यवस्था नगर निगम को करना थी, लेकिन भीड़ के कारण व्यवस्था गड़ाबड़ा गई। प्रशासन ने मेला समय शाम चार बजे तक रखा था, लेकिन वहां लगे स्टॉल दोपहर बाद उठने लगे। इसके चलते दोपहर 2 बजे ही मेला खत्म हो गया। कई हितग्राहियों को बिना जानकारी के लौटना पड़ा।
42.45 करोड़ की आर्थिक मदद
जिले में विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत 64,500 से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित कर 42.45 करोड़ से अधिक की आर्थिक मदद मुहैया कराई गई। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने हितग्राहियों को चेक, स्वीकृति आदेश व प्रमाण-पत्र वितरित किए।