भोपाल। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए जीएडी विभाग द्वारा बनाई गई नीति को लागू करने के लिए प्रदेश के समस्त विभाग के 2 लाख संविदा कर्मचारी 7 अप्रैल को हड़ताल पर जा रहे हैं, इसका नोटिस आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यसचिव अंटानी डिसा, एवं समस्त अपर मुख्य सचिव, समस्त प्रमुख सचिव, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त कलेक्टर और समस्त मुख्यकार्यपालन अधिकारियों को म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष की और से दिया गया।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि म.प्र. शासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी नियमितीकरण के लिए दोहरी नीति अपना रहे हैं जिसकी वजह से प्रदेश के समस्त कर्मचारी 7 अप्रैल को हड़ताल पर रहेंगें ।
सरकार के दोहरी नीति यह है
(1) सरकार संविदा शिक्षकों को तीन वर्ष बाद संविदा से नियमित कर देती है, लेकिन संविदा कर्मचारियों / अधिकारियों को 15 - 15 वर्ष हो गयें हैं उनको नियमित करने के लिए सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई है ।
(2) म.प्र. सरकार ने संरपचों, ग्राम समुदायों के द्वारा भर्ती किये गये गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षाकर्मियों को बिना किसी भर्ती परीक्षा के नियमित कर दिया गया और वेतनमान दे दिया । लेकिन जो संविदा कर्मचारी विधिवत् चयन प्रक्रिया का पालन करके आएं हैं उनको नियमित नहीं कर रही है ।
(3) म.प्र. सरकार ने मंत्रालय में मंत्रियों को यहां लगे हुये आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले दैनिक वेतन भोगियों को सीमित भर्ती परीक्षा लेकर नियमित कर दिया लेकिन संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रही है ना ही समान कार्य समान वेतन दे रही है ।
संविदा कर्मचारियों की प्रमुख माँगें -
(1) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए 22 जून 2013 को एक नीति तैयार की थी उस नीति को अविलंब लागू किया जाय ।
(2) संविदा कर्मचारी /अधिकारी नियमित कर्मचारियों/अधिकारियों के समान कार्य करते हैं । इसलिए समान कार्य समान वेतन , समान भत्ते, समान सुविधायें प्रदान की जायें । जैसे समय - समय पर बढ़ने वाला मंहगाई भत्ता उसी दिनांक से लागू किया जाए जिस दिनांक से नियमित कर्मचारियों को दिया जाता है । संविदा कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश, चिकित्सा भत्ता /प्रतिपूर्ति, मकान किराया भत्ता, एक्सग्रेसिया, ग्रेच्युटी, अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए ।
(3) म.प्र. सरकार निरंतर विभागों में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती कर रही है, उन पदों पर संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के अनुभव को देखते हुय सीधी भर्ती के पदों पर संविदा कर्मचारियों को सीधी भर्ती के पदों पर संविलयन करते हुये नियमित किया जाये। संविदा कर्मचार/अधिकारी के अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जाए, आयु सीमा में छुट प्रदान की जाए ।
महासंघ ने सरकार में बैठे समस्त सक्षम जनप्रतिनिधियांे, सक्षम जिम्मेदारी अधिकारियों से आग्रह किया है कि संविदा कर्मचारियों की मांगों का शीध्र निराकरण करने करे,ं जिससे संविदा कर्मचारियों को आंदोलन के लिए बाध्य ना होना पड़े ।
(रमेश राठौर)
प्रदेश अध्यक्ष