भोपाल। स्कूलों में प्रबंधन की दादागिरी और गोलमाल किस कदर बढ़ गया है और अभिभावक कितने लाचार हैं, यह मामला इसका जीता जागता प्रमाण है। एक प्रतिभाशाली स्टूडेंट का पिता अपने बेटे को रेग्यूलर रखने के लिए दर दर गिड़गिड़ा रहा है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला।
पढ़िए पीड़ित का वो खत जो उसने भोपाल समाचार को लिखा :-
नवोदय विद्यालय दुब्बार पाली जिला उमरिया में अध्ययनरत छात्र आर्यन प्रसाद कुशवाहा कक्षा 6 वी जो कि नवोदय की प्रवेश परीक्षा जिला स्तर पर द्वितीय रैंक से उत्तीर्ण किया था। एडमिशन लेने के पश्चात छात्र वि़द्यालय में अध्ययन करने लगा। इसी बीच में उसकी तबीयत खराब हुई जिसका इलाज करवाया गया। एवं डाॅ0 द्वारा मेडिकल फिटनेस जारी किया गया कि छात्र अब अध्ययन हेतु पूरी तरह फिट है लेकिन नवोदय प्राचार्य द्वारा आर्यन कुशवाहा को यह कहकर निष्कासित किया जा रहा है कि बालक अस्वस्थ है। इसीलिए टी0सी0 लेने एवं 2.3 साल की पुरानी बीमारी होने का झूठा शपथ पत्र माॅगा जा रहा है। जबकि डाॅ0 द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट में अध्ययन हेतु पूरी तरह फिट बताया गया। इस संबंध में कलेक्टर जिला उमरिया, उपायुक्त नवोदय समिति भोपाल, आयुक्त नवोदय समिति नाोएडा से भी पत्राचार किया गया लेकिन आज तक बालक को विद्यालय में प्रवेश न देने के कारण बालक मानसिक रूप् से प्रताडित हो रहा है। अभिभावक को परीक्षा दिलवाने दोबारा नवेादय आना जाना पड़ रहा है। जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
धनंजय कुमार कुशवाहा
अभिभावक
ग्राम एवं पो0-मानपुर जिला-उमरिया म0प्र0
मेाबा0-9685856399