मां-बाप की एक शिकायत पर रजिस्ट्री हो जाएगी केंसिल

भोपाल। मानवाधिकार आयोग ने ऐसे बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है जिनके बच्चे या रिश्तेदार उनकी संपत्ति हड़प लेते हैं। आयोग ने शासन से सिफारिश की है कि यदि कोई बुजुर्ग इस बात की शिकायत करता है कि बच्चों ने जबरदस्ती उनकी संपत्ति हड़पी है तो एसडीएम को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी होगी। ऐसी संपत्ति की रजिस्ट्री को खारिज कर शून्य घोषित कराया जाएगा।

आयोग ने संपत्ति मामलों में रजिस्ट्री शून्य करने का प्रावधान मौजूद होने के बावजूद इसका उपयोग न किए जाने पर आपत्ति की है और सरकार से इसका पालन कराने को कहा है।
आयोग में बच्चों द्वारा बुजुर्गों की संपत्ति हड़पने की शिकायतें बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं। ज्यादातर मामलों में संपत्ति हड़पने के बाद बच्चे अपने बुजुर्गों की देखभाल नहीं करते।

आयोग के मुताबिक माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण नियम 2009 के तहत पांच साल में किसी भी थाने में प्रकरण दर्ज नहीं हुए हैं। आयोग ने सिफारिश करते हुए कहा है कि सभी थानों में एक्ट के अध्याय 6 की धारा 24 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए। यह एक संज्ञेय अपराध है। इसके तहत तीन माह तक का कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। आयोग ने शासन से सिफारिशों का पालन प्रतिवेदन दो माह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

उम्र के इस मोड़ पर ऐसी तकलीफें
बुजुर्गों की शिकायतें - वर्ष 2014 - 2015 (मार्च)
बिना सहमति के वृद्धाश्रम में छोड़ आना - 615 - 25
संपत्ति अपने नाम कर माता-पिता को बेदखल करना - 565 - 150
बच्चों द्वारा देखभाल न करना - 350 - 77
माता-पिता से दुर्व्यवहार करना - 215 - 67

आयोग को इसलिए करनी पड़ी सिफारिश
केस 1- भेल के रिटायर्ड मैनेजर श्यामसुंदर शर्मा ने वर्ष 2011 में कलेक्टर को शिकायत की कि दत्तक पुत्र ने संपत्ति हड़पकर उन्हें घर से निकाल दिया। पांच साल हो गए। अब तक निराकरण नहीं हुआ।
केस 2- वल्लभ भवन में पदस्थ कमलकांत की शिकायत है कि बेटे ने 2.50 लाख रुपए लिए, लेकिन वापस नहीं कर रहा है। कलेक्टर से लेकर कई अफसरों को शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं।
केस 3- रिटायर्ड शिक्षिका सुशीला देवी तीन साल से बीमार हैं। बेटे ने मां की सहमति के बिना उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया। मां ने कलेक्टर को शिकायत की कि बेटे से संपत्ति वापस दिलवाई जाए।

292 शिकायतें, किसी में दर्ज नहीं हुआ मामला
सामाजिक न्याय विभाग को पूरे प्रदेश से वर्ष 2014-15में वृद्धजनों की कुल 292 शिकायतें मिलीं। इनमें से 27 शिकायतें अकेले भोपाल की हैं। आयोग के पूछने पर न तो पुलिस, न ही प्रशासन यह जवाब दे सका कि इसमें कितनी शिकायतों पर बच्चों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए जा सके।

पुलिस से जानकारी मांगी थी, जो नहीं दी गई, इसलिए की सख्त सिफारिश
मानवाधिकार आयोग ने पुलिस और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी कि अधिनियम के तहत बुजुर्गों की शिकायतों पर कितने प्रकरण दर्ज किए गए, लेकिन इस संबंध में पुलिस और शासन से कोई जानकारी नहीं मिली। वृद्धजनों की लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद ही हमने यह सिफारिश की है कि एसडीएम अधिनियम के तहत सख्ती से कार्य करें।''
वीएम कंवर, कार्यवाहक अध्यक्ष, राज्य मानवाधिकार आयोग

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!