मप्र में 15 जिलों के 1400 से ज्यादा गांव तबाह, लाखों पशु मर गए, दर्जनों किसान

भोपाल। बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों का दायरा बढ़ता जा रहा है। ताजी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 15 जिलों के 14 सौ से ज्यादा गांवों में ओला-बारिश की वजह से गेहूं, चना, मसूर, सरसों, धनिया और ईसबगोल की फसलों को नुकसान हुआ है। इन स्थानों पर न केवल सर्वे कराया जाएगा बल्कि मुआवजे के लिए जरूरत पड़ी तो विकास कार्यों की राशि काटकर किसानों को मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम फसल नुकसानी की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कटी हुई फसल को भी सहायता के दायरे में शामिल किया जाए।


अफसरों ने बताया कि ओले की वजह से कई गांवों में फसलें पूरी तरह खेत में मिल गई हैं। यहां फसल को 80 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धनिया और ईसबगोल की क्षतिग्रस्त फसलें भी शामिल होंगी। सर्वे के बाद पूरी जानकारी पंचायत के सूचना पटल पर लगाई जाएगी ताकि किसी को कोई आपत्ति हो तो उसे दर्ज कराया जा सके। सर्वे पूरी ईमानदारी और मानवीय दृष्ट्रिकोण अपनाते हुए होना चाहिए।

पटवारी सर्वे में मनमानी करते हैं इसलिए कृषि और पंचायत विभाग के अमले की संयुक्त टीम बनाई जाए। किसानों को राहत पहुंचाने में बजट की कहीं कोई कमी नहीं आएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं ओला प्रभावित गांवों का दौरा कर किसानों को हाल जानने जाएंगे। बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश कुमार राजौरा, प्रमुख सचिव राजस्व अस्र्ण तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसके मिश्रा मौजूद रहे।

सीएम करेंगे दौरा
18 मार्च:- नीमच, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर और राजगढ़।
19 मार्च:- गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया।
20 मार्च:- रीवा, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल।


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