भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों और प्राध्यापकों को आदेशित किया गया है कि वो सप्ताह में एक दिन पूरे कॉलेज की सफाई करें और इस तरह सफाई का संदेश दें। ऐसा ना करने पर दण्डित करने का आदेश भी जारी किया गया है।
इन दिनों शासकीय कॉलेजों के प्राचार्यों और प्राध्यापकों को एक नई चिंता ने घेर रखा है। शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा अन्य कामकाज का प्रेशर तो था ही ऊपर से एक नया फरमान आ गया। इसके तहत अब कॉलेज के स्टाफ को सप्ताह में एक दिन का समय साफ-सफाई के लिए निकालना होगा। प्राचार्य की जिम्मेदारी रहेगी कि वे अपने स्टाफ को स्वच्छता के लिए प्रेरित कर उनका सहयोग लें।
दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासकीय कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजा है। पत्र में कहा है कि शैक्षणिक कार्य के साथ कॉलेज प्रबंधन स्वच्छता पर भी ध्यान दें। सप्ताह में कोई भी एक दिन चुनें तथा उस दिन दो घंटे कॉलेज परिसर की साफ-सफाई करें। प्लांटेशन पर खास ध्यान दिया जाए। समस्त शिक्षकों व कर्मचारियों का सहयोग लिया जाए।
आनाकानी करे तो जुर्माना लगाओ
यहां तक तो ठीक है लेकिन आदेश में यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि कोई व्यक्ति स्वच्छता के लिए श्रमदान करने में आनाकानी करे तो उस पर जुर्माना लगाया जाए। यह जिम्मेदारी प्राचार्य की है कि वे अपने स्टाफ से काम लें। सूत्रों के मुताबिक आदेश मिलने के बाद सब हैरान परेशान से हो गए। अभी तक तो उनको लगता था कि साफ-सफाई का काम उनका नहीं है लेकिन नए आदेश ने उनकी नींद उड़ा दी है।