मेरी लाश के टुकड़े अधिकारियों में बांट देना: अकाउंटेंट ने की आत्महत्या

वाराणसी। भ्रष्टाचार की रकम के बंटवारे को लेकर अधिकारियों के बीच किस तरह की तनातनी होती है और इस विवाद में अधीनस्थ कर्मचारियों पर कितना दबाव बनता है, यह मामला इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है। यहां एक लेखापाल ने भ्रष्टाचार की रकम के लिए अधिकारियों के बीच कुत्ते बिल्ली सी लड़ाई और बार बार आने वाले आधिकारिक दवाब से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली। उसने अपनी जेब में एक सुसाइड नोट ​भी रखा, जिसमें लिखा था कि मेरे मरने के बाद मेरी लाश, कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार के बीच बांट देना। 

ट्रेन के सामने कूदकर जान देने वाले इस लेखपाल के शरीर के कई टुकड़े हो गए हैं। इस घटना को लेकर जिले के लेखपालों में जबर्दस्त गुस्सा है। भारतीय जनता पार्टी ने उत्पीड़न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

सोनभद्र के दुद्धी तहसील क्षेत्र के कनहर परियोजना के डूब इलाके में स्थित भीसुर गांव के रहने वाले 57 साल के लेखपाल अशोक कुमार चौबे ने शनिवार की टेढ़ा गांव के पास ट्रेन के सामने छलांग लगाकर जान दे दी। इस घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे लेखपाल के पुत्र ने सुइसाइड नोट को पिता के जेब से निकालकर पुलिस के हवाले किया।

सुसाइड नोट में राजस्व अधिकारियों के ऊपर प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाने के साथ कहा कि शरीर का ऊपरी हिस्सा एसडीएम और नीचे का हिस्सा तहसीलदार को सौंप दिया जाए। बीजेपी ने लेखपाल के आत्महत्या प्रकरण की गहनता से जांच कर कार्रवाई की मांग की। डीएम ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच करेगी।

कनहर परियाजना के डूब क्षेत्र ग्राम भिसुर में तैनात अशोक चौबे का दो दिन पहले तबादला म्योरपुर क्षेत्र में कर दिया गया था लेकिन रिलीव नही हुए थे। घटनास्थल के पास ही मृतक की मोटरसाइकल भी बरामद हुई। ट्रेन के आगे कूदने के कारण शव कई टुकड़ों में बंट गया था। एक हाथ की हथेली तो पुल के नीचे मिली। घटना से मर्माहत तहसील क्षेत्र के अधिकांश लेखपाल पोस्टमॉर्टम हाउस पर मौजूद रहे। लेखपाल के खुदकुशी की घटना को लेकर जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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