ब्रांडेड माल पर बड़ी डिस्काउंट योजनाए ला रहीं हैं Flipkart और Amozon

सागर मालवीय/मुंबई। देश के तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन रिटेल मार्केट में अधिक से अधिक कस्टमर्स हासिल करने के लिए अमेजॉन इंडिया और फ्लिपकार्ट बहुत जल्द 2,300 करोड़ रुपये इन्वेस्ट कर सकती हैं। वे प्रॉडक्ट्स पर भारी छूट देकर कस्टमर्स को खींचना चाहती हैं।

अमेजॉन इंडिया की प्रवक्ता ने बताया, 'हम टेक्नॉलजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सर्विसेज पर यह पैसा खर्च करेंगे। मोबाइल प्लेटफॉर्म पर वेंडर्स देश भर में हमारे कस्टमर्स को जल्द और भरोसेमंद तरीके से सामान डिलिवर कर सकें, इसके लिए भी इन्वेस्टमेंट होगा।'

कंपनी ने पिछले हफ्ते रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को दी गई फाइलिंग में बताया था कि वह अपनी पैरंट कंपनी से राइट्स इश्यू के जरिये 610 करोड़ रुपये जुटा रही है। अमेजॉन ने जुलाई में भारत में 2 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट का ऐलान किया था, लेकिन उसने इसकी समय सीमा तय नहीं की थी।

वहीं देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट ने पिछले हफ्ते अपनी बोर्ड मीटिंग में राइट्स इश्यू लाकर 1300 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दी थी। राइट्स इश्यू में शेयर सिंगापुर बेस्ड पैरंट कंपनी को बेचे जाएंगे। वह कोटक महिंद्रा बैंक से 400 करोड़ रुपये का लोन भी लेने जा रही है। दो हफ्ते पहले फ्लिपकार्ट की पैरंट कंपनी ने 70 करोड़ डॉलर का नया फंड जुटाया था। उसने नए और पुराने इन्वेस्टर्स से इस रकम का इंतजाम किया था। इसमें फ्लिपकार्ट की वैल्यू 11 अरब डॉलर लगाई गई थी।

फ्लिपकार्ट और अमेजॉन मार्केटप्लेस मॉडल के तहत बिजनस करते हैं। वे इसके जरिये सामान बेचने वाले और खरीदने वालों को एक जगह लाते हैं। भारत में दोनों सहित ऑनलाइन रिटेल कंपनियों में अधिक कस्टमर्स तक पहुंचने की होड़ चल रही है। वे इसके लिए एक दूसरे से कम दाम पर सामान बेचने की पेशकश कर रहे हैं। हालांकि भारी डिस्काउंट देने के चलते फ्लिपकार्ट और अमेजॉन इंडिया दोनों को ही लॉस हो रहा है। अमेजॉन इंडिया ने साल भर पहले भारत में काम शुरू किया था। उसे 321 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ है। वहीं फ्लिपकार्ट का घाटा भी दोगुना बढ़कर 400 करोड़ रुपये हो गया है।

इस बारे में टैक्स एंड ट्रांजैक्शन अडवाइजरी फर्म नांगिया एंड कंपनी के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर राकेश नांगिया ने कहा, 'लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर खूब पैसा खर्च किया जा रहा है। इसके साथ भारी डिस्काउंट में भी काफी पैसा जा रहा है। इससे ऑनलाइन रिटेल कंपनियों से कैश आउटफ्लो बढ़ गया है।'

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