कालाधन: क्या करती हैं सरकारें ?

विदेशों में कालाधन निरंतर जमा हो रहा है| जबकि इस विषय को लेकर हर सरकार को समाज जानकारी देता रहा है| सरकारें हीला हवाला करके बचती रही हैं| ग्लोबल फिन की ताज़ा रिपोर्ट पिछले 10 वर्षो में 28 लाख करोड़ रुपया देश से बाहर जाने की बात कह रही है| गौरतलब है की सरकार तब भी चुप थी और अब भी उसकी बातें कम विश्वसनीय लग रही हैं|

थिंक टैंक ग्लोबल फिन की रिपोर्ट के मुताबिक कालेधन की सूची में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है। ग्लोबल फिन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत से पिछले 10 साल में 28 लाख करोड़ बाहर भेजे गए। यह रुपये 2003 से 2012 की अवधि के दौरान देश से बाहर गए।

कालेधन की सूची में रूस 122.86 बिलियन डॉलर के साथ सबसे ऊपर है जबकि कनाडा 249.57 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे नंबर पर है। गौर हो कि ग्लोबल फिन यानि ग्लोबल फाइनेंसियल इंटेग्रिटी कालेधन पर सर्वे करने के लिए जानी जाती है। उसकी हालिया रिपोर्ट में उसने कालेधन के मामले में भारत को तीसरे स्थान पर रखा है।

थिंक टैंक की यह रिपोर्ट वर्ष 2012 के आंकड़ों पर आधारित है। भारतीयों ने केवल वर्ष 2012 में ही 94,76 बिलियन डॉलर (6 लाख करोड़) का काला धन बाहर भेजा। वाशिंगटन आधारित रिसर्च ग्रुप के अनुसार दुनिया में मौजूद काले धन (6.6 ट्रिलियन डॉलर) का दसवां हिस्सा भारतीयों द्वारा जमा किया गया है। यह पैसा अपराध, भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी द्वारा जमा किया गया है।

गौर हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काले धन की समस्या को सुलझाने के लिए एसआईटी का गठन किया था जिसने 14958 करोड़ के कालेधन की जांच के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में जमा कुल काले धन के मामले में भारत का चौथा स्थान है, भारत से आगे केवल चीन (1.25 ट्रिलियन डॉलर), रूस (973.86 बिलियन डॉलर) तथा मैक्सिको (514.26 बिलियन डॉलर) है।

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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