भोपाल। राजधानी में हुए एक घटनाक्रम में किसानों को सरेआम लूट रहीं सहकारी समितियों की पोल खुल गई है। लोकायुक्त पुलिस ने सहकारी समिति के मैनेजर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया लेकिन समिति के चेयरमैन ने जमानत देकर उसे मुक्त करा लिया।
समर्थन मूल्य में गेहूं तुलाई की रसीद के एवज में किसान से रिश्वत मांगने वाले सहकारी समिति के प्रबंधक को लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार दोपहर रंगे हाथों धरदबोचा। प्रबंधक ने करीब 10 दिन पहले से किसान का गेहूं तौल रखा था, लेकिन उसकी रसीद नहीं दे रहा था।
औपचारिक गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी प्रबंधक को समिति के चेयरमैन की जमानत पर मुचलके पर रिहा कर दिया। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार मिसरोद निवासी अजय पिता मुरलीधर पाटीदार किसान है, जो कि 12 अप्रैल को 157 बोरी गेहूं लेकर तुलाई के लिए मिसरोद स्थित गेहूं खरीदी केंद्र सेवा सहकारी समिति गया था।
केंद्र में तुलाई के बाद उसे यह कहकर चलता कर दिया कि जब गेहूं एफसीआई गोदाम में स्वीकृत हो जाएगा, तभी रसीद दी जाएगी। ड्राइवर के जरिए समिति के प्रबंधक मुकेश सेन ने रसीद के लिए चार हजार रुपए मांगे। उनके बीच 2 हजार रुपए में सौदा हुआ। किसान ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस में दर्ज कराई।
बुधवार दोपहर 3 बजे लोकायुक्त पुलिस ने किसान को रकम लेकर गेहूं खरीदी केंद्र भेजा। जहां 2 हजार रुपए लेते ही समिति के प्रबंधक को पकड़ लिया। समिति के चेयरमैन रामस्वरूप पाटीदार की जमानत पर लोकायुक्त पुलिस ने प्रबंधक को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।