भोपाल। अब तत्काल में वेटिंग टिकट खरीदना समझदारी नहीं होगी, क्योंकि रेलवे मंत्रालय ने अपने तत्काल कोटे के नियमों में बदलाव कर दिया है। इन नियमों के तहत तत्काल के टिकट की वेटिंग तब ही क्लीयर की जाएगी, जब बर्थ खाली होगी अन्यथा वेटिंग में ही सफर करना पड़ेगा।
नए नियम सिर्फ स्लीपर क्लास के लिए तय किए गए हैं, जो एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। रेलवे मंत्रालय ने रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र को कंप्यूटर सिस्टम में नए नियम के अनुसार बदलाव किए जाने का आदेश दिए जा चुके हैं। नए नियम के तहत रिजर्वेशन चार्ट तैयार होने के दौरान कोटे और टिकट रद्द होने के चलते खाली होने वाली सीट तत्काल के यात्रियों को आवंटित की जाएगी। यदि ट्रेन में सीट खाली है तो पहले जनरल वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की बर्थ दी जाएगी। ऐसे में साठ दिन पहले टिकट बुक करवाने वाले यात्रियों के लिए यह नियम फायदेमंद होगा।
इसलिए बदला नियम
अधिकारियों ने बताया कि तत्काल कोटे के यात्रियों को बर्थ दिए जाने के चलते हर रोज जनरल वेटिंग के 25 से 30 फीसद टिकट रद्द हो जाते थे। जिसकी वजह से रेलवे की भारी रकम को रिफंड करना पड़ता था। जबकि ऐसे यात्री दो माह पहले से टिकट कंफर्म होने की उम्मीद से वेटिंग में टिकट करवा लेते हैं, लेकिन तत्काल कोटे के यात्रियों के चलते अंत समय तक उनकी सीट कंफर्म नहीं होती थी। इसके अलावा सांसद कोटा, विकलांग कोटा, महिला कोटा, वरिष्ठ नागरिक कोटा, विदेशी पयर्टक कोटा, साइड स्टेशन कोटा के यात्री भी अपनी यात्रा को रद्द कर देते हैं।