भोपाल। रोजी-रोटी छिनने से हताश कैरोसिन फुटकर विक्रेता अब परिवार सहित जल समाधि की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस या प्रशासन के रोकने के बाद भी जब भी मौका मिलेगा, तब तालाब में परिवार सहित कूदेंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में एक बुजुर्ग कैरोसिन विक्रेता ने तालाब में छलांग लगा दी थी, जिसे पुलिस और नगर निगम के गोताखोरों ने बचा लिया। हालांकि इस दौरान बुजुर्ग के हाथ में फ्रेक्चर हो गया है। बेरोजगारी होने के कारण रोजी- रोटी की चिंता का निराकरण सरकार द्वारा नहीं किए जाने के खिलाफ मंगलवार को फिर से इकट्ठा हुए केरोसिन फुटकर विक्रेताओं ने साफ कहा कि अगर सरकार उनकी गुहार नहीं सुनती तो भूखों मरने के बजाय जलसमाधि लेकर मरना पसंद करेंगे। संघ के संरक्षक ओमप्रकाश चौकसे और सचिव अनिल कुमार पांडे ने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद समग्र पोर्टल में दर्ज 23 श्रेणियों के परिवारों को सस्ती दर पर कैरोसिन उपलब्ध कराने के चलते
राज्य सरकार ने 1 मार्च से फ्री सेल कैरोसिन विक्रेता हॉकरों को मिलने वाला 5 बैरल कैरोसिन का कोटा बंद कर दिया है, ऐसे में प्रदेश भर के साढ़े चार हजार हॉकरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। भोपाल जिले के 383 हॉकर्स को सप्ताह में एक दिन फ्री सेल में बेचने के लिए दिया जा रहा कैरोसिन 26 फरवरी से देना बंद कर दिया गया है। इससे हॉकर्स परिवारों की रोजी-रोटी छिन गई है।
दूसरी ओर, समग्र पोर्टल में दर्ज परिवारों को कैरोसिन उपलब्ध कराने के लिये सरकार के पास अतिरिक्त कैरोसिन कोटा नहीं था, नतीजे में हॉकरों के लाइसेंस निरस्त करके इनके हिस्से का कैरोसिन समग्र में दर्ज परिवारों को उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इसी के खिलाफ सोमवार से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया गया है। वहीं, बीते दिनों तालाब में कूदने वाले गांधी नगर के बुजुर्ग कैरोसिन विके्रता मो. रईस खान घायल होने और डॉक्टरों की रोक के बाद भी हमीदिया अस्पताल का बिस्तर छोड़कर आंदोलन में फिर से शामिल हो गए।