चुनावी बुखार सारे देश में फ़ैल चुका है, हर दल अपना हर संभव प्रयास कर रहा है जिससे वह अपनी सीट बचा सके. मैंने भी कृष्णामूर्ति पद्धति द्वारा यह जानने का प्रयास किया है की कौन सा प्रत्याशी जीतेगा और कौन हारेगा. .बोधसिंह भगत जी को बालाघाट से प्रत्याशी बनाया गया है ,आइये देखते हैं की कुंडली विवेचन में क्या परिणाम परिलक्षित होता है:
जीत के लिए नियम : यदि छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी ६,१०,११ में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह ४,५,१२ का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये
छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी गुरु नवं भाव में है और यह शुक्र के उपनक्षत्र में है जो की पंचम में स्थित है .
दशम भाव का उपनक्षत्र स्वामी मंगल वक्री है और बुध के उपनक्षत्र में है जो पंचम भाव में है.
लाभेश का उपनक्षत्र स्वामी शुक्र पंचम भाव में है और शुक्र के उपनक्षत्र में है.
इस समय चंद्रमा तृतीय भाव में गोचर कर रहा रहा है और शुक्र के उपनक्षत्र में है जो पंचम भाव में स्थित है .
निष्कर्ष : इस कुंडली के अनुसार इनकी पराजय निश्चित है .
ज्योतिषाचार्य रमन पिछले 10 वर्षों से ज्योतिष द्वारा जन साधारण की समस्याओं को सुलझाने का काम कर रहे हैं। वे मूलत: कंप्यूटर इंजिनियर हैं। श्री रमन बहुत समय से भारत की सबसे प्रसिद्द ज्योतिष वेब साईट www.astrosage.com, www.astrocamp.com पर अपनी सेवा अपलब्ध करा रहे हैं। ज्योतिषाचार्य श्री रमन यथार्थ ज्योतिषीय उपायों का सुझाव देते हैं।
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