भोपाल। टिकट वितरण को लेकर प्रदेश भाजपा में भी घमासान मचा हुआ है। सागर सीट से अपने पुत्र को टिकट न मिलने से नाराज ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव दिल्ली पहुंच गए हैं। वे वहां पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे।
श्री भार्गव के पुत्र अभिषेक प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं। प्रदेश नेताओं के समक्ष जब उनकी दावेदारी आई तो पार्टी के प्रदेश नेताओं ने खुद मंत्री भार्गव से सागर से चुनाव मैदान में उतरने की बात कही। जिस पर उन्होंने साफ इंकार कर दिया।
वे इस बारे में मुख्यमंत्री से भी मिले थे और एक खबर आई थी कि उन्होंने न सिर्फ खुद लोकसभा लड़ने से इंकार कर दिया है बल्कि अभिषेक की उम्मीदवारी भी वापस ले ली है। लेकिन अब श्री भार्गव अपने पुत्र के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। इस सीट से महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष लता बानखेड़े मंत्री भूपेन्द्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह और पूर्व विधायक सुधा जैन के नाम भी चर्चा में हैं।
पार्टी को सागर समेत प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करने हैं। इनमें भोपाल, बालाघाट, खजुराहो, मंदसौर लोकसभा सीट भी शामिल है। भोपाल में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी या राज्यसभा के पूर्व सभापति नजमा हेपतुल्ला चुनाव लड़ने की खबरें हैं। इस सीट पर वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर केन्द्रीय नेताओं के चुनाव न लड़ने की स्थिति में अपनी पुत्रवधु भोपाल की महापौर कृष्णा गौर को टिकट की मांग कर रहे हैं।
वहीं बालाघाट का मामला भी मां-बेटी के बीच में उलझ गया है। इस सीट पर मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम नितिन का नाम सामने आया था। उनकी मां रेखा बिसेन की भी इस सीट से दावेदारी है।
मंदसौर से पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था लेकिन इस सीट पर भी पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण पांडे ने अपने पुत्र की दावेदारी जता दी है। जिससे मामला उलझ गया है।
खजुराहो से मौजूदा सांसद जितेन्द्र सिंह बुंदेला का टिकट भी अधर में लटक गया है। प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य एवं पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया और विजेन्द्र प्रताप सिंह भी अपनी दावेदारी जता कर रहे हैं। यह दोनों ही विधानसभा चुनाव हार गए हैं। ऐसे में इन पांच सीटों पर टिकट तय करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।