बिना गवाहों के भी हो जाएगी रजिस्ट्री, यदि आधार नंबर है आपके पास

भोपाल। संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए आधार नंबर देने पर गवाहों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए पंजीयन विभाग ने यूआईडीएआई के साथ करार भी किया है, जो रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों के आधार नंबर की पहचान करेगा। लोकसभा चुनावों के बाद जून या जुलाई में प्रदेश में नियम लागू होने की संभावना है।

राजधानी में हर साल करीब 45 हजार रजिस्ट्री होती हैं। ऑनलाइन ऑथेंटिकेशन सेवा के जरिए आम लोगों को यह सुविधा दी जाएगी। इसके तहत रजिस्ट्री कराने के लिए दो गवाहों की जरूरत नहीं होगी। आधार के जरिए संपत्ति खरीदने और बेचने वाले की पहचान स्थापित कर ली जाएगी।

अभी रजिस्ट्री के समय व्यक्ति की पहचान बताने के लिए दो गवाहों की जरूरत होती है। रजिस्ट्री के लिए आधार का उपयोग करने के नियम को अनिवार्य नहीं किया जाएगा। यह रजिस्ट्री करवाने वालों पर निर्भर करेगा कि उन्हें इस सुविधा का लाभ लेना है या नहीं।

यह होगी प्रक्रिया

यूआईडीएआई से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक रजिस्ट्री के वक्त दो तरह से पहचान जांची जाएगी। संपत्ति खरीदने और बेचने वालों के आधार नंबर लिए जाएंगे। साथ ही उंगली के निशान भी दर्ज किए जाएंगे। इसे एक गेटवे के जरिए सेंट्रल आईडेंटिटी डाटा रेपोसेटरी भेजा जाएगा, वहां से उंगली के निशान, आधार नंबर को व्यक्ति के फोटो और नाम के साथ मिलान कर तुरंत हां या नहीं में जवाब आएगा। इस प्रक्रिया में तकरीबन 10-15 सेकंड का समय लगेगा। हां में जवाब आने का मतलब होगा कि पहचान सही है और नहीं का मतलब होगा कि पहचान गलत बताई जा रही है। इसके साथ ही ईकेवायसी के जरिए भी पहचान जांची जाएगी।

यूआईडीएआई से ई-रजिस्ट्रेशन नियमों के लिए करार किया गया है। आधार अनिवार्य नहीं होगा लेकिन लोगों को इससे सुविधा होगी।दीपाली रस्तोगीमहानिरीक्षक, पंजीयन विभाग
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