राकेश दुबे@प्रतिदिन। कल से जो मनसूबे जैसे संसद में सांप छोड़ने, विरोधियों को सबक सिखाने के लिए कुछ भी करने चाहे वह कृत्य अपराध के श्रेणी में ही क्यों न आता हो कर गुजरने का जज्बा लेकर संसद में पहुंचे कुछ सांसदों ने जो कर दिया उससे संसदीय प्रजातंत्र का सिर शर्म से झुक गया |
भारत के संसदीय इतिहास में आज दिन एक ऐसे दिन के तौर पर जाना जाएगा, जहां लोकतंत्र का मंदिर मारपीट और संसदीय गरिमा की धज्जियां उड़ाने का अखाड़ा बन गया। सदन में तेलंगाना समर्थकों और विरोधियों में मारपीट और हाथापाई, माइक छीनने, कंप्यूटर पटकने के साथ ही मिर्ची का स्प्रे छिडकने घटनाएं देखने को मिलीं।
सीमांध्र से आने वाले तेलंगाना विरोधी विजयवाड़ा के सांसद एल राजगोपाल ने मिर्ची स्प्रे कर दिये जाने के बाद से अफरातफरी मच गई। सांसदों की तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें खांसी होने लगी। इसके तुरंत बाद संसद भवन में तीन एंबुलेंस बुलाई गई और तीन सांसदों पूनम प्रभाकर, विनय कुमार पांडेय और बलराम नायक को राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है।लोकसभा अध्यक्ष ने 17 सांसदों को नियम 374 के तहत सस्पेंड कर दिया।
संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि संसदीय लोकतंत्र पर यह काला धब्बा है, स्पीकर फैसला लेंगी कि इन सांसदों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। वैसे, मुझे कई सांसदों ने कहा है कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
देश के साथ विदेश में भी इस घटना का प्रसारण हुआ है |मालूम नहीं ये कब सुधरेंगे |
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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