भोपाल। प्रभात झा और उमा भारती को अंतत: मध्यप्रदेश से बेदखल कर ही दिया गया। प्रभात को दिल्ली तो उमा को उत्तराखंड का प्रभारी बनाया गया है। दोनों अपने प्रभार वाले इलाकों में लोकसभा का काम देखेंगे, अर्थ यह कि मध्यप्रदेश में दखल नहीं देंगे।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को सौंपी गई नई जिम्मेदारी के बाद अब उनकी मप्र से दूरियां लगभग तय मानी जा रही हैं। प्रदेशाध्यक्ष पद से हटने के बाद प्रभात झा को राष्ट्रीय कमेटी में उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसी के साथ संघ की ओर से संदेश यह दिया गया था कि मध्यप्रदेश पर शिवराज की मोनोपॉली नहीं चलने दी जाएगी और प्रभात व उमा के नाम पर शिवराज की लगाम कसकर रखी जाएगी।
हाल ही में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए झा को एकाएक लोस चुनाव के मद्देनजर दिल्ली का प्रभार सौंपे जाने से उनकी मप्र में सक्रियता घटना लाजमी है, क्योंकि राज्य सभा सदस्य और प्रदेश प्रभार के चलते अब उनका स्थाई डेरा दिल्ली होगा। साथ ही मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को उप्र के विस क्षेत्र से चुनाव में उतारकर भाजपा उप्र के विधायकों की जमात में शामिल कर दिया गया था, जिसके साथ ही उमा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने के बाद से ही उनकी सक्रियता प्रदेश में लगभग समाप्त हो चुकी थी, अचानक उमा को उत्तराखंड का लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी जाने से उनकी मप्र की सक्रिय राजनीति के विराम को बल मिल गया है।
कुल मिलाकर मध्यप्रदेश में अब इन दोनों नेताओं की कथा सम्पन्न हुई। देखते हैं अब इनकी जगह लेने के लिए कौन नए चेहरे सामने आते हैं।