भोपाल। पिछले दिनों आई आईआरएस 2013 की सर्वे रिपोर्ट के बाद घटती संख्या से परेशान दैनिक भास्कर ने महानगरीय इलाकों में अपनी पाठक संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके लिए वो चांदी के सिक्के बांटने जा रहा है।
सनद रहे कि पिछले दिनों आई आईआरएस 2013 की सर्वे रिपोर्ट में पत्रिका को मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अखबार प्रमाणित किया गया था। इस रिपोर्ट ने भास्कर की ब्रांड वेल्यू पर काफी बुरा असर डाला, क्योंकि भास्कर मध्यप्रदेश का हमेशा से ही बेताज बादशाह रहा है। काफी लम्बे समय तक तो भास्कर ने मध्यप्रदेश के 50 प्रतिशत से ज्यादा पाठकों पर कब्जा बरकरार रखा जबकि शेष 50 प्रतिशत में बाकी सारे अखबार सिमट जाते थे।
पहली बार ऐसा हुआ कि पत्रिका ना केवल बराबर आ खड़ा हुआ बल्कि काफी आगे भी निकल गया। भास्कर ने आईआरएस 2013 की सर्वे रिपोर्ट पर आपत्ति भी जताई है परंतु वो ज्यादा सवाल नहीं कर सकते क्योंकि इसी आईआरएस की सर्वे रिपोर्ट को आधार बनाकर वो आज तक खुद को नंबर 1 घोषित करता आया है।
अपनी पाठक संख्या बढ़ाने के लिए दैनिक भास्कर ने एक प्रतियोगिता शुरू की है। नाम रखा गया है ‘डीबी स्टार के स्टार्स’ इसमें लकी ड्रा से चुने गए विजेताओं को चांदी के सिक्के दिए जाएंगे।
इस प्रतियोगिता के अंतर्गत दैनिक भास्कर में हर हफ्ते रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को कुछ प्रश्न प्रकाशित किए जा रहे हैं, जिनके सही जवाब उसी दिन के डीबी स्टार में मिलते हैं। पाठकों को डीबी स्टार में सही जवाब खोजकर एसएमएस द्वारा भेजना होता है। लकी ड्रॉ से निकाले गए विजेताओं को चांदी के सिक्के उपहार में मिलते हैं। विजेताओं के बारे में डीबी स्टार में सूचना दी जाती है।
यहां याद दिला दें कि यह वही दैनिक भास्कर है जिसने पिछले दिनों में तेजी से अखबार के दामों में इजाफा किया, इसके तुलनात्मक भास्कर की सामग्री उतनी रोचक नहीं रह गई थी। डीबी स्टार यूं तो भास्कर के साथ फ्री है परंतु प्रबंधन ने चोरी से उसके दाम भास्कर के दामों में ही शामिल कर दिए।
भास्कर के सामने अब चुनौतियां कम नहीं हैं। पत्रिका तो आगे बढ़ ही रहा है परंतु नईदुनिया भी कम नहीं है। जागरण समूह के पास जाने के बाद नईदुनिया को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और सब जानते हैं कि वो बहुत धीरे धीरे सही लेकिन पाठक संख्या बढ़ाने पर फोकस कर रही है।
भास्कर के सामने अब चुनौतियां कम नहीं हैं। पत्रिका तो आगे बढ़ ही रहा है परंतु नईदुनिया भी कम नहीं है। जागरण समूह के पास जाने के बाद नईदुनिया को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और सब जानते हैं कि वो बहुत धीरे धीरे सही लेकिन पाठक संख्या बढ़ाने पर फोकस कर रही है।