भोपाल। एसोसियेटिड चैंबर्स आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एसोचैम) ने कहा है कि मध्यप्रदेश में आने वाले पांच सालों में संगठित और असंगठित क्षेत्रों में लगभग 11 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा किए जाने की संभावना है।
एसोचैम ने आज यहां एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मध्यप्रदेश में अगले पांच सालों में लगभग 11 लाख नए रोजगार सृजित होने की संभावना है।’’ एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी एस रावत ने उद्योग मंडल का यह एजेंडा शिवराज सिंह चौहान सरकार को सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि राज्य की 73 प्रतिशत आबादी अभी भी कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में काम कर रही है।
एजेंडे में बताया गया है कि मध्यप्रदेश में कुल कार्यबल का 18 प्रतिशत औद्योगिक क्षेत्र में लगा है, जबकि शेष कार्यबल सेवा क्षेत्र में है। एसोचैम का यह अनुमान राज्य के आर्थिक वृद्धि के अनुमान पर आधारित है, जिसका रोजगार सृजन पर तुरंत असर पड़ता है। देश के शीर्ष वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने राज्य की नई सरकार के लिए 10 सूत्रीय कार्य एजेंडा (मध्यप्रदेश द्विअंकीय समावेशी विकास की ओर) जारी करते हुए कहा है कि राज्य में हालांकि 2004-05 से 2011-12 के दौरान उद्योग और सेवा क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या 1.03 करोड़ से बढ़कर 1.20 करोड़ तक पहुंच गई, इसके बावजूद इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने की काफी संभावनाएं है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि हालांकि पिछले तीन साल 2009-10 से 2011-12 के दौरान राज्य में रोजगार की दर 39.50 प्रतिशत से घटकर 36.30 प्रतिशत रह गई, इस लिहाज से राज्य में रोजगार बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है। इसके साथ-साथ राज्य की 30 प्रतिशत आबादी 15 से 30 वर्ष के आयु वर्ग में है, जिन्हें अगले पांच सालों में रोजगार की जरूरत होगी।