राकेश दुबे@प्रतिदिन। कभी किसी दल में ऐसा नहीं हुआ जैसा आआपा में इन दिनों हो रहा है| किसी की सदाशयता पर संदेह नहीं, किसी का मन खराब नहीं फिर भी नीचे से लेकर अरविन्द केजरीवाल के गुरु अन्ना हजारे तक असंतुष्ट |
20 टिकट बांटे 40 विरोधी खड़े हो गये| आप के टिकट के लिये होड़ तक तो ठीक है, इन टिकट मांगनेवालों में से कितने अन्ना की राह पर चलेंगे, कितने केजरीवाल की राह पर और कितने सोमनाथ भारती की राह पर कोई नहीं कह सकता| अन्ना तो केजरीवाल को भी पक्का अनुयायी नहीं मानते|
अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अब केजरीवाल को देश और समाज की चिंता नहीं है। उन्हें सिर्फ अब सत्ता की चिंता है। केजरीवाल की आलोचना करते हुए अन्ना ने कहा कि वह जनलोकपाल को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं हैं। जनलोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा देने के केजरीवाल की नीयत पर भी सवाल उठाए। अन्ना ने कहा कि अगर जनलोकपाल को लेकर कोई संवैधानिक मजबूरी थी, तो केजरीवाल को बीजेपी-कांग्रेस के साथ बैठकर इसे सुलझाना चाहिए था। इसके लिए इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि इनके दिल में समाज और देश नहीं है, बल्कि सत्ता है। यह सत्ता के पीछे पड़े हैं और उन्हें सिर्फ सत्ता की चिंता है।
आप के टिकट के बिकने की बात 20 में से 10 स्थानों पर उठी है| अन्ना आन्दोलन के बाद आप से जुड़े लोगों का आरोप है कि एक गुट वहां काम रहा है| जिसके तार कांग्रेस से जुड़े है और येन-केन –प्रकारेण वह सब करना चाहता है, जो और दलों में हो रहा है|