भोपाल। शहर में मेट्रो रेल चलेगी या लाइट मेट्रो, चलेगी तो कितने किमी? इन सवालों के जवाब इसी हफ्ते मिल जाएंगे। इसके लिए डीपीआर बनाने वाली जर्मन कंपनी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर ली है।
मुख्यमंत्री के सामने इसका प्रेजेंटेशन करने से पहले दिल्ली, कोच्चि और बैंगलुरू आदि शहरों की मेट्रो की डीपीआर से तुलना कर लागत राशि का आकलन किया जा रहा है। दो दिन में यह काम पूरा होते ही कंपनी रिपोर्ट शासन को रिपोर्ट सौंप देगी।
नगरीय प्रशासन विभाग के सूत्रों के मुताबिक लागत राशि का आकलन करने के लिए भोपाल और इंदौर के लिए मेट्रो रेल की डीपीआर बना रही जर्मन कंपनी एलआरटीसी और रोहित एसोसिएट को भी देश के दूसरे शहरों की डीपीआर खंगालने के लिए कहा गया है।
कंपनी इस अध्ययन के जरिए भोपाल में डीपीआरपी की प्रारंभिक रिपोर्ट में मेट्रो रेल के मोड और रूट की संभावित लागत बताएगी। डीएमआरसी ने दो साल पहले मेट्रो ट्रेन की संभावनाएं तलाशने के लिए प्री फिजिबिलिटी सर्वे किया था। इसमें डीएमआरसी ने कुल 28 किमी की लंबाई के तीन रूट प्रस्तावित किए थे। जर्मन कंपनी ने भी इन्हीं रूटों की फिजिबिलिटी परखने के बाद इनमें संशोधन किया है।
कोलार और होशंगाबाद रोड भी शामिल
सूत्र बताते हैं कि कंपनी ने इसमें करीब 15 किमी का और इजाफा किया है। अब कोलार और होशंगाबाद रोड को भी इसमें शामिल किया गया है। पहले भोपाल और इंदौर में करीब 65 किमी का रूट प्रस्तावित था, जिसे अब कंपनी ने करीब 92 किमी कर दिया है।