प्रवीण सोनी/बड़वानी। क्षेत्र के प्रख्यात प्राइवेट स्कूल अंजड़ पब्लिक स्कूल के प्रंसीपल ने अपने ही स्कूल की कक्षा 4 की छात्रा पर रेप करने की कोशिश की।
बड़वानी जिला मुख्यालय से महज़ 15 किमी पर अंजड़ स्थित होकर ठीकरी- दवाना मार्ग पर अंजड़ नगर की प्रसिद्ध अंजड़ पब्लिक स्कूल अंजड़ (सराफा)है। इस स्कुल में अनिता (परिवर्तित नाम) आयु 9 वर्ष कक्षा 4थीं की छात्रा होकर घटना दिनांक 30/11/2013 को दिन में अपने ही स्कुल के प्राचार्य सजी उर्फ साजन पिता वर्गीस आयु 36 वर्ष निवासी कोटेमपाला (केरल) हाल-मुकाम अंजड़ के द्वारा अश्लील हरकते किए जाने का आरोप लगाते हुए अपने परिजन को बताया जिस पर अनिता के बड़े पापा फरियादी निवासी अंजड़ के द्वारा पुलिस थाना अंजड़ पर रात्रि 10-30 बजे आरोपी प्राचार्य के खिलाफ एफ.आय.आर दर्ज करवाई गई।
पुलिस थाना अंजड़ के थाना निरीक्षक श्री सुरेश महाले ने बताया की आरोपी प्राचार्य के खिलाफ अपराध क्रं. 338/13 अपराध धारा 354 क (1), 506, 9 एम, एफ, 10, लेंगिग अपराध से बालको का सरंक्षण अधिनियम 2012 के अतंर्गत कायमी करते हुए आरोपी प्राचार्य सजी उर्फ साजन को गिरफ्तार कर लिया गया हैं।
घटना दिनांक 30/11/2013 को दिन के समय की बताई गई हैं। और फरियादी ने अपनी रिपोर्ट में बताया हैं, कि मेरे छोटे भाई की 9 वर्षीय पुत्री के साथ आरोपी प्राचार्य के द्वारा अश्लील हरकत की गई हैं, और इसके पूर्व भी आरोपी प्राचार्य अश्लील हरकते करता रहा हैं। और छात्रा को घटना के संबंध में किसी से नही बताने को कहा गया वरना जान से मार देने की धौंस धमकी दी गई।
वहीं धौंस धमकी आरोपी प्राचार्य के द्वारा फरियादी को भी दी गई हैं। चुंकि आरोपी केरल निवासी हैं। और जून-2013 में अंजड़ पब्लिक स्कुल अंजड़ में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। जहां एक और शासन शिक्षा के स्तर को काफी उंचाईयां प्रदान करने के लिए संकल्पित हैं।
वहीं निजी स्कुलों में इस तरह की घटनाएं बेहद शर्मनाक होकर चोंकाने वाली हैं, क्योंकि वर्तमान में शिक्षा ने एक बड़े व्यवसाय का रूप धारण कर रखा हैं। और निजी स्कुलों के संचालको की मनमानी ओर अनदेखी करने पर अशोभनीय घटनाएं कारित होती हैं।
और जिसका परिणाम बेबस और मासूम, असहाय बच्चों को भौंगना पड़ता हैं। ऐसे निजी स्कुलो पर शासन प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करे जहां पर इस प्रकार की अशोभनीय घटनाएं कारित होती हो और शासन को समय-समय पर मानिटरींग करवाना चाहिए जिससे पवित्र शिक्षा का स्तर बदनाम होने से बच सकें।