कटारा हिल्स में चलता मिला फर्जी राज्य ओपन स्कूल, पूरे गैंग का एड्रेस उजागर

भोपाल। पीएमटी, आरक्षक भर्ती परीक्षाओं के बाद एसटीएफ ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से जुड़े तीसरे राज्य ओपन स्कूल परीक्षा की फर्जी अंकसूचियों का बड़ा मामला उजागर करने में सफलता हासिल की है।

एसटीएफ ने राज्य ओपन की फर्जी मार्कशीट का कारखाना पकड़ा है, जहां एक हजार से ज्यादा फर्जी ब्लैंक अंकसूचियों के साथ-साथ राज्य ओपन स्कूल की मुहरें (सील) भी बरामद की हैं। गिरफ्तार चार आरोपियों में एक राज्य ओपन का संविदा कंप्यूटर आपरेटर है, जबकि एक शिक्षा विभाग का निलंबित प्राचार्य है। आरोपियों को सोमवार को न्यायालय पेश कर पुलिस रिमांड पर लिए जाने की तैयारी है।

एसटीएफ के अनुसार मुखबिर ने सूचना दी थी कि ग्वालियर निवासी कौशल सारस्वत ओपन परीक्षाआ में पास कराने का ठेका लेता है, साथ ही फर्जी मार्कशीट भी बनाता है। मुखबिर की निशानदेही पर एसटीएफ ने कटारा हिल्स स्थित पार्क सिटी के बंगला नंबर ए-27 पर छापा मारा, जहां मप्र राज्य ओपन स्कूल की एक हजार के आसपास ब्लैंक मार्कशीट, मुहरें (सील) व राज्य ओपन की परीक्षाआें से जुडे दस्तावेज बरामद हुए।

एसटीएफ ने मौके से गिरोह के सरगना कौशल सारस्वत सहित अखिलेंद्र सिंह चौहान, अशोक गुप्ता को धरदबोचा। साथ ही गिरोह के लिए मार्कशीट बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य ओपन के कंप्यूटर आपरेटर प्रदीप बैरागी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। चारों आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ ने फर्जीवाडे का प्रकरण दर्ज कर लिया है।

निलंबित प्राचार्य है गुप्ता
एसटीएफ के अनुसार अशोक गुप्ता राज्य शिक्षा विभाग का निलंबित प्राचार्य है, जोकि पूर्व में र्इंटखेड़ी स्थित हाई स्कूल में पदस्थ था, बीते साल संभागायुक्त ने लापरवाही और गड़बड़ी के चलते गुप्ता को निलंबित कर दिया था, जबकि प्रदीप बैरागी राज्य ओपन परीक्षा मुख्यालय में संविदा कंप्यूटर आपरेटर के पद पर पदस्थ है।

लग्जरी गाड़ियां भी बरामद
आरोपियों अखिलेंद्र सिंह चौहान और कौशल सारस्वत से एसटीएफ ने दो महंगी लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। अखिलेंद्र की लग्जरी सफारी कार है, जो कि ग्वालियर में रजिस्टर्ड है, जबकि कौशल की एन्डैवर कार झारखंड से पास है।

लवलीन भदौरिया के मकान में संचालित कारखाना
एसटीएफ ने कटारा हिल के जिस बंगला नंबर ए-27 पर छापा मारकर फर्जी मार्कशीट का कारखाना पकड़ा है, यह मकान किसी लवलीन भदौरिया के नाम पर बताया जाता है। भदौरिया से यह मकान किराए पर कौशल सारस्वत ने लिया था।

हजारों छात्रों को दे चुके हैं मार्कशीट
एसटीएफ के अनुसार आरोपी गत 2008 से राज्य ओपन की फर्जी मार्कशीट की जालसाजी का गोरखधंधा कर रहे हैं। पिछले छह सालों में आरोपियों ने राज्य ओपन की ढेरों छात्रों को फर्जी उत्तीर्ण मार्कशीट बेची हैं, जिनकी तादाद हजारों में बताई जाती है।

निजी स्कूल संचालक हैं आरोपी
आरोपी अशोक गुप्ता अयोध्या बाइपास स्थित एक निजी स्कूल का संचालक है, जबकि कौशल सारस्वत का ग्वालियर में निजी हाई स्कूल है, जो कि उसके परिवार के लोग संचालित करते हैं।

बैंक संचालक है चौहान
बताया जाता है कि गिरोह का सदस्य भिंड निवासी अखिलेंद्र सिंह चौहान एक सहकारी बैंक का संचालन भी करता है। साथ ही भिंड में एक हाई स्कूल भी चलाता है।


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