गुत्थमगुत्था कांग्रेस में कुछ भी फाइनल नहीं

भोपाल। राहुल गांधी के प्रेशर के चलते मध्यप्रदेश कांग्रेस के 6 जागीरदार तो एकजुट दिखाई देने लगे लेकिन अब जमींदारों ने हंगामा रोप रखा है। प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने वाली थी कि सांसदों ने रोक दी। अब स्क्रीनिंग कमेटी के पीछे पड़ गए हैं।

मप्र विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन प्रक्रिया से नाराज आधा दर्जन कांग्रेस सांसदों ने स्क्रीनिंग कमेटी के खिलाफ अब सीधा मोर्चा खोल दिया है। टिकट वितरण में हो रही उपेक्षा और बड़े नेताओं की बढ़ती पूछपरख पर भी इन सांसदों ने कड़ा ऐतराज जताया है।

स्क्रीनिंग के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री सहित अन्य सदस्यों पर पक्षपात पूर्ण व्यवहार अपनाने का आरोप लगाने वाले इन सांसदों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। लामबंद सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय भी मांगा है।

समय मिला तो सोमवार को सांसदों का प्रतिनिधि मंडल सोनिया के सामने अपने साथ किए जा रहे भेदभाव की शिकायत करेगा। बताते हैं कि शनिवार को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में मिस्त्री ने एक बार फिर पार्टी के बड़े नेताओं कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी को गोपनीय जगह पर बुलाकर उनसे बातचीत की, जैसे ही यह खबर सांसदों को लगी सांसदों ने फोन पर मिस्त्री से बड़े नेताओं को बुलाए जाने पर अपनी नाराजगी जताई मगर मिस्त्री ने इसे खारिज कर दिया।

जिसके बाद सांसदों ने सोनिया से मुलाकात करने का निर्णय लिया। दरअसल, सांसदों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि उनके संसदीय क्षेत्र में आने वाली विस सीटों के लिए दिए गए संभावित उम्मीदवारों की सूची को कचरे की टोकरी में फेंका जा रहा है,जबकि पार्टी के बड़े नेता उनके क्षेत्र में अनर्गल हस्तक्षेप कर अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने में लगे हुए हैं।

टिकट को लेकर अपने ही नेताओं को कटघरे में खड़ा कर इन सांसदों ने चुनावी वक्त में पार्टी की एकजुटता के दावों की पोल खोलकर रख दी है। नाराज सांसदों के इन तेवरों को देखते हुए स्क्रीनिंग कमेटी की फजीहत बढ़ने के साथ मामला सुलझने की बजाय उलझ गया है। इधर आज स्क्रीनिंग कमेटी ने तीन से चार पैनलों वाली सीटों पर विचार-विमर्श कर सिंगल नामों की सूची बनाई है।

और इधर..दिग्गी ने जताई नाखुशी
टिकट को लेकर चल रही चयन प्रक्रिया में हो रही देरी को स्वीकारते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इंदौर में कहा कि प्रक्रिया में समय लग रहा है, फिर भी नामिनेशन फार्म भरने के एक सप्ताह पहले सभी टिकट घोषित कर दिए जाएंगे। उन्होने कहा कि यदि टिकट वितरण ठीक से होता तो हम सरकार पिछली बार ही बना लेते। दिग्विजय ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें हो गई हैं और 23 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है। अधिकांश नाम 25 से 30 अक्टूबर के बीच घोषित हो जाएंगे।

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