भोपाल। भाजपा में तेज से उठ रहे बगावत के स्वरों को ध्यान में रखते हुए भाजपा अब नई रणनीति बनाने में जुट गई है। इसी के चलते भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्पष्ट रूप से कहना शुरू कर दिया है कि 25 अक्टूबर तक किसी का टिकिट फाइनल नहीं है, और अंतिम समय में कोई भी परिवर्तन हो सकता है।
सनद रहे कि आचार संहिता के लागू होने से पूर्व तक कर्मचारियों के जबर्दस्त विरोध से जूझ रही टीम शिवराज को अब अपनी ही पार्टी में बगावत का डर भी सता रहा है। आचार संहिता लागू होते ही भाजपाईयों ने संभावित दावेदारों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए। हालात यह बन गए हैं कि भाजपा के प्रदेश कार्यालय एवं राजधानी में मौजूद तमाम भाजपा नेताओं के बंगलों पर मध्यप्रदेश की तमाम विधानसभाओं से आ रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की टोलियां 24 घंटे आमद दे रहीं हैं। कोई अपने नेता के लिए टिकिट मांगने आ रहा है तो कोई किसी का टिकिट कटवाने।
आने वालों की संख्या किसी भी टोली में 50 से कम नहीं है। हालत यह बन गए हैं कि नरेन्द्र सिंह तोमर दिन में कई बार भूमिगत हो जाते हैं। उनकी टोलियां उनकी लोकेशन ट्रेस करतीं रहतीं हैं। इधर पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा के पास पहुंचने वालों की संख्या भी कम नहीं है। प्रभात झा कई टिकिट फाइनल करवाना चाहते हैं परंतु उससे कहीं ज्यादा तय हो चुके टिकिट भी कटवाना चाहते हैं।
पार्टी के तमाम दिग्गज इन दिनों कन्फ्यूज हैं। टारगेट सेट है। तीसरी बार सरकार बनाना है परंतु खतरा यह है कि यदि पार्टी में बगावत हो गई तो इतनी मशक्कत के बाद तैयार किया गया ब्रांड शिवराज कहीं धरा का धरा ना रह जाए। टिकिट वितरकों को कांग्रेस से कहीं ज्यादा चुनौती भाजपा के भीतर से ही मिलने लगी है।
अंतत: नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्पष्ट रूप से यह कहना प्रारंभ कर दिया है कि सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है परंतु 25 अक्टूबर से पहले कुछ भी फाइनल नहीं है। वो किसी भी नाम पर सहमति जताने की स्थिति में नहीं हैं और अंतिम समय में कुछ भी फेरबदल हो सकता है।