उमेश नेक्स/मंदसौर। आबकारी विभाग की एक महिला सब इंस्पेक्टर ने अपने ही विभाग के इंस्पेक्टर पर आरोप लगाया है कि वो मुझे गंदे गंदे एसएमएस करता है और अपने साथ अवैध संबंध बनाने के लिए प्रेशर कर रहा है। कलेक्टर से शिकायत करने के बाद भी उसकी हरकतों में कोई कमी नहीं आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला आबकारी विभाग में कार्यरत चर्चित किस्म के इंस्पेक्टर केदार शर्मा ने उन्ही के विभाग में कार्यरत दलित वर्ग की महिला सब इंस्पेक्टर के साथ 23 मई 2013 कों मोबाईल पर गन्दा मैसेज किया और उसमे अवैध सम्बन्ध बनाने की बात कही। महिला ने इस घटना की जनकारी अधिकारी कों भी दी साथ कलेक्टर को भी घटनाक्रम से अवगत करवाया और प्रमुख सचिव से ले कर महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग तक शिकायत की गयी। शिकायत पर प्रकरण दर्ज करवाने की बात तो दूर उक्त इंस्पेक्टर शर्मा को एक नोटिस तक नही दिया गया।
और इसका नतीजा यह निकला की उक्त इंस्पेक्टर केदार शर्मा आये दिन उक्त दलित महिला सहकर्मी को लगातार परेशान करने लगा और झूठी शिकायतें पीड़ित महिला कर्मी की करने लगा। हद तो तब हो गयी जब एक बार फिर 7 सितम्बर 2013 शनिवार की शाम जब उक्त पीड़ित दलित महिला अधिकारी अपने ऑफिस से छूटने के बाद घर जाने के लिए निकली तो उक्त इंस्पेक्टर केदार शर्मा भी पीछे पीछे आया और गंदे गंदे कमेंट्स करने लगा और कहने लगा की तुने मेरी शिकायत करके मेरा क्या बिगाड़ लिया और जाति सूचक गालियाँ देने लगा। तब बड़ी मुश्किल से डरे सहमे हुए उक्त दलित महिला अपने घर पहुँची और आज तक जो बाते उसने अपनी इज्जत की खातिर छुपाई थी उसे मजबूर हो कर अपने परिवारवालों से कहनी पड़ी तब परिवार के सदस्यों ने उन्हें हिम्मत दी तब जा कर उक्त महिला अजाक थाने और शहर थाने पहुँच कर लिखित शिकायत दी।
अब देखना यह है कि उक्त दलित महिला कों न्याय मिलेगा या नही या फिर यूं ही पिछले चार माह से न्याय के लिए दर दर कि ठोकरे खाकर भटक रही दलित महिला सब इंस्पेक्टर आगे भी भटकती रहेगी और हवस के भूखे इंस्पेक्टर शर्मा के शोषण का शिकार होती रहेगी।
नही होगी कार्यवाही तो केसे रुकेगा महिला का शोषण
पहले जिला आयुष अधिकारी राजकुमार गुप्ता पर दलित महिला नर्स ने योन शोषण का आरोप लगाया उक्त नर्स ने भी अजाक थाने में आवेदन दिया पर उसका नतीजा भी शून्य रहा और अब आबकारी के एक इंस्पेक्टर केदार शर्मा पर अपने ही विभाग की दलित महिला सब इंस्पेक्टर ने योन शोषण का आरोप लगाया है और इसकी भी शिकायत अजाक थाने सहित शहर कोतवाली पर हुई है। सोचने वाली बात यह है की दोनों ही मामले दलित वर्ग की महिलाओ के साथ योन शोषण वाले है बावजूद इसके कार्यवाही ना होना कहीं ना कही दलितो के साथ बढते शोषण का कारण बन रहा है। ऐसे में दलितो के हितों की बात करने वालों की नियत भी आज कटघरें में है और ऐसे ही सब चलता रहा तो केसे महिलाओँ पर हो रहे शोषण कों रोका जा सकेगा खास कर दलित महिलाओँ पर हो रहे शोषण कों कोन रोकेगा।