संविदा शिक्षक भर्ती में हंगामा: नौकरी नहीं देनी थी तो परीक्षा क्यों ली

भोपाल। संविदा शिक्षा भर्ती के लिए आयोजित प्रथम चरण की प्रक्रिया के बाद मंगलवार से संविदा शिक्षक ग्रेड एक, दो व तीन के शेष बचे पदों पर भर्ती के लिए सत्यापन कार्य शुरू हुआ। इस दौरान भर्ती प्रक्रिया के नियमों से नाराज सैकड़ों आवेदक मंगलवार को जिला शिक्षा कार्यालय पहुंचे।

कार्यालय का करीब चार घंटे तक घेराव कर नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन किया। आवेदक उग्र होते इससे पहते पुलिस ने पात्र आवेदकों को छोड़ बाहर खदेड़ दिया। उधर, करीब 50 से अधिक आवेदकों ने लोक शिक्षण संस्थान में पहुंचकर हंगामा किया। डीईओ कार्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर करीब 200 आवेदकों ने अचानक प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के बाद आवेदकों ने कार्यालय के अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके।

इसके बाद डीईओ सीएम उपाध्याय ने हंगामा कर रहे आवेदकों को समझाइश देनी चाही, पर उनकी एक न चली। आवेदकों के बढ़ते हंगामें को देख पुलिस को बुलाया गया। राजधानी स्थित डीईओ, डाइट व बीआरएस कार्यालय में संविदा शिक्षक ग्रेड एक, दो व तीन के लिए सत्यापन

कार्य किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में उन्हीं आवेदकों को शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने व्यापम द्वारा पात्रता परीक्षा में सफल होने के साथ बीएड, डीएड किया हो।

आवेदक नहीं, प्रतिनिधि बन पहुंचा डीईओ के पास

प्रदर्शन के दौरान डीईओ सीएम उपाध्याय ने बाहरी लोगों के शामिल होने की शंका जताई, क्योंकि बाहर प्रदर्शन कर रहे आवेदकों में से एक ऐसा व्यक्ति भी था, जिसको भर्ती प्रक्रिया के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी। पुलिस द्वारा डीईओ उपाध्याय के सामने मांगे रखने के लिए दो लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल ले जाया गया।

इसमें योगेश कुमार गुप्ता नाम का यह युवक अपने आप को आवेदक बताकर जा पहुंचा। इस दौरान डीईओ के साथ हुए सवाल-जवाब के दौरान इसकी कलई खुल गई। इस युवक को यहीं नहीं पता था कि भर्ती प्रक्रिया की पात्रता परीक्षा कब हुई थी। डीईओ ने युवक से कहा कि आपका इस परीक्षा से कोई लेना देना नहीं है। फिर ये हंगामा क्यों करवा रहे हैं।

क्या हमें कमाई का साधन बनाया है

डीईओ कार्यालय में प्रदर्शन कर रहे नॉन बीएड, डीएड आवेदकों का कहना है कि जब उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं करना था तो उन्हें व्यापम द्वारा ली गई पात्रता परीक्षा में क्यों बैठाया गया। क्या हमें कमाई का साधन बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया के पहले शासन द्वारा बात कही गई थी कि बीएडी, डीएड के बाद अर्हकारी परीक्षा के आधार पर शामिल किया जाएगा, लेकिन अब क्यों नहीं।

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