भोपाल। राजधानी की जिला अदालत परिसर से न्यायिक कर्मियों ने मप्र न्यायिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आरके देवलिया एवं जिला न्यायालय संघ के अध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव आदि कर्मचारी नेताओं के नेतृत्व में मंगलवार को जिला न्यायानय परिसर से वल्लभ भवन के लिए रैली निकाली।
पुलिस बल द्वारा रैली को बीच में रोक दिया गया, जिससे कर्मचारी सड़क पर ही बैठ गए। कर्मचारी नेताओं की मांग थी कि सीएम या उनके निज सहायक को मांगों का ज्ञापन सौंपने के बाद ही हटेंगे। इस पर सीएम के ओएसडी एमआर खान ने ज्ञापन लिया और कर्मचारी नेताओं को आश्वस्त किया कि सीएम से इस संबंध में बात करेंगे एवं कर्मचारी प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कराएंगे।
जिला न्यायिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायिक कर्मचारी शेट्टी कमीशन की सिफारिशें लागू करने सहित 33 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत है। उन्होंने बताया कि गत 11 सितंबर से आंदोलन चलने के बावजूद सरकार की ओर से अब तक कोई संतोषजनक रिस्पॉन्स नहीं मिला है जिसके चलते प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश कर आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया है।
न्यायिक कर्मियों के आंदोलन को अधिवक्ताओं का पूरा समर्थन मिल रहा है जिससे कर्मचारियों में खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि हालांकि न्यायिक कर्मियों को अदालती कामकाज के ठप रहने का अफसोस है, लेकिन सरकार की मनमानी और अड़ियल रवैये के चलते सामूहिक अवकाश का कदम उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने आंदोलन के चलते पक्षकरों व वकीलों को होने वाली परेशानी के लिए खेद भी जताया है। उनका कहना था कि यदि सरकार लिखित रूप से मांगों को पूरा करने तैयार होगी, तो ही आंदोलन रोकने पर विचार किया जाएगा। पक्षकार और वकील परेशान: न्यायिक कर्मचारियों के 16,17 और 18 सितंबर को सामूहिक अवकाश पर रहने के चलते अदालतों में तीन दिन कामकाज ठप हो रहा है, इससे सबसे ज्यादा परेशानी मामले के पक्षकार और वकीलों को हो रही है । उन मामलों के पक्षकरों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो दूर दराज के क्षेत्रों से पेशी पर आते हैं।