भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय विद्यालयों में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के लिए लागू अंशदायी पेंशन हेतु प्रान आबंटन नीति में आंशिक बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है। अभी अध्यापकों के सकल वेतन का 10 प्रतिशत अंशदायी योजना के लिए कटौती की जाती है। इतनी ही राशि राज्य शासन द्वारा अध्यापकों के अंशदायी योजना हेतु आबंटित खाते में जमा की जाती है।
इसके लिए अध्यापकों को NSDL कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र में जानकारी जमा कर भेजना होता है जिसके बाद PRAN या PERMANANT RETIREMENT ACCOUNT NUMBER आबंटित होता है। इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगता है जिसके कारण अध्यापकों की कटौती उनके संविलियन तिथि से नहीं हो पाती।
पहले तो तीन वर्ष पूर्ण करने के उपरांत संविलियन आदेश जारी होने में वक्त लगता है ।कहीं -कहीं तो छ: माह से भी ज्यादा वक्त लग जाता है । उसके बाद ही प्रान फॉर्म भराया जा सकता है । प्रान फॉर्म भरने के तीन से चार माह बाद तक प्रान आबंटित हो पाता है । इस प्रकार कटौती प्रारंभ होने में वर्षों लग जाते हैं ।जिसके कारण शासन द्वारा जमा की जाने वाली राशि का लाभ अध्यापकों को उस अवधि का नहीं मिल पाता ।
इस समस्या के समाधान हेतु संविदा शिक्षकों के संविदा काल में ही प्रान फॉर्म भरने के निर्देश दिए जाएं ताकि प्रक्रिया में होने वाले विलंब से बचा जा सके ।साथ ही समस्त डीडीओ को निर्देश दिए जाएं कि अध्यापक संवर्ग में नियुक्त दिनांक से ही कटौती की जाय ।यदि प्रान आबंटन में विलम्ब हो रहा हो तो अध्यापक संवर्ग में आने कि तिथि से कटौती की राशि डीडीओ सुरक्षित रखें और प्रान आबंटन होने पर संबंधित के प्रान खाते में राशि भेज दें।
नोट: यह समाचार एक विभागीय अधिकारी द्वारा भेजा गया परंतु आग्रह पर नाम गोपनीय रखा गया है।