कालोनाइजर लाखों समेट ले गया, कालोनी में बिजली तक नहीं पहुंची

रायसेन। जहां प्रदेश सरकार हर घर रोशन हो सब को बिजली देने की बात कर रही है। वहीं जिला मुख्यालय पर बनी भारत नगर कालोनी वासी रोशनी को तरस रहे है। कालोनाईजर के झूठे वायदों पर भरोसा कर के यहां लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है।

मुख्यालय  पर वर्ष 2009-10 में भारत नगर नाम से कालोनी विकसीत की गई जिसकों टीएनसीपी द्वारा पत्र क्रमांक 205/जिका/नग्रानि/विदिशा द्वारा 28/12/2009 एवं इसी नामातंरण पत्र क्र.867/जिका/नग्रीन/विदिशा/10 दिनांक 12/07/2010 को स्वीकृति प्रदान की थी जिसमें शर्तों का पालन करना कालोनाईजर की जिम्मेदारी थी। जिसमें 14 नंबर पर लिखा था मार्गों के पूर्ण विकास, विद्युत प्रदाय, स्ट्रीट लाईट, जल-प्रादाय, ओवर हेड टैंक, पार्कों का निर्माण, खुले क्षेत्रों तथा मार्गों के किनारे वृक्षारोपण अनिवार्य किया था और उसके बाद ही निर्माण कार्यों प्रारंभ करने की शर्त थी साथ ही कहा गया था की किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर यह अनुमति म.प्र भूमि विकास नियम 1984 के नियम 25 के तहत रिवोक कर दी जाएगी परन्तु अपनी जेब भरकर नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय ने इतिश्री कर ली और ना ही नगर पालिका के अधिकारियों ने इस कालोनी के निरीक्षण की जहमत उठाई सब कानोनाईजर के एहसानों तले जो दबे है।

उनकों जनता को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं उन्हें तो उनका निर्धारित हिस्सा जो मिल जाता है। ऐसे में घर का सपना सजोने वाले वो लोग जिन्होंने अपनी जिदंगी भर की मेहलत की  कमाई प्लांट खरीदकर मकान बनाने में लगा दी जब मकान बन गया तो अब लाखों खर्च करने के बाद रोशनी को तरस रहे है। क्योंकि अनुमति  में निर्धारित की गई मूलभूत सुविधाओं का ध्यान कलोनाईजर ने नहंी किया और ना ही भारत नगर में स्ट्रीट लाईट ना पोल और कॉलोनी में वर्तमान में सड़क भी उबड़-खाबड़ हो गई है। वहीं पानी की निकासी की भी कोई पु ता इंतजाम नहीं है बारिश में कॉलोनी जलमग्न हो जाती है।  कालोनाईजर ने सुविधाएं तो नहीं दी और जमकर  माल समेटा है। वहीं कालोनी वासी समस्याओं से स्वयं जूझ रहे वहीं कभी किसी कार्यालय के तो कभी उस कार्यालय के चक्कर लगा रहे है पर सभी कार्यालय उन्हें यह काम कालोनाईजर से कराने का कहकर टाल देते है।

अभी जारी रहेंगा अंधेरा 

इस संबंध में जब शहर विद्युत विभाग की ए ई यास्मीन खान से जानकारी चाही तो उनका कहना है हम नियमों में बंधे है 100 से 150 फीट ल बी दूरी पर स्थाई विद्युत कनेक्शन देते है जिनके घर इसमें आते उन्हें स्थाई कनेक्शन दे दिए है पर वो दर्जन भर से अधिक नहीं ज्यादातर उपभोक्तओं के घर से सर्विस लाईन की दूरी इससे भी अधिक है जिस कारण सुरक्षा कारणों के मद्देनजर वहा स्थाई कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है और यहा सभी व्यवस्थाएं करना कालोनाईजर का काम है जब सर्विस लाईन एवं विधिवत पोल खड़े करवा देंगे तो मांग करने पर उपभोक्ताओं को स्थाई कनेक्शन दे दिए जाएंगे।

यह कैसी जांच

इस संबंध में नगर पालिका सीएमओ पवन कुमार सिंह ने विगत एक-दो माह पूर्व की गई जांच की बात कहते हुए कहा कि  मैने स्वय विगत माह कालोनियों का निरीक्षण किया था एवं व्यवस्थाएं दुरूस्त करने का कालोनाईजरों को बोला था। आज फिर दिखवाता हूं कहकर इतिश्री कर ली सवाल यह उठता है जब जांच की थी और 3 वर्ष बाद भी सुविधाएं नहीं थी तो कालोनाईजर पर क्या कार्यवाही हुई इस बात पर अधिकारी भी बगले झाकते नजर आए।
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