हरपालपुर। आकाश राय। नबम्वर में होने जा रहे छतरपुर जिले की 6 विधानसभा सभा सीटो पर चुनाव में भाजपा की हालत पतली दिखाई दे रही है राजनैतिक पण्डितों का कहता है कि इस बार के हालात से यह साफ जाफिर हो रहा है कि भाजपा के किले में कांग्रेस का सेंध लगा पाना आसान होगा।
वहीं 48 महाराजपुर विधानसभा में विकास की बात की जाये तो यहा का विकास सिर्फ कागजों में ही दिखाई देता है जमीनी धरातल पर सिर्फ और सिर्फ वादे ओर धोषणाओं के बीच विकास के नाम पर क्षेत्र के सांसद विधायक ने सिर्फ कार्यकाल ही पूरा किया है।
शहर में विकास का दस्तावेज कहे जाने वाले एक भी शिलान्यास पत्थर दूर तलक दिखाई नही देते वहीं न ही मत्री सांसद विधायक न एक भी जन चौपाल लगाकर आम समस्याओं का निराकरण जरूरी नही समझा।
वहीं नगर परिषद भी वार्डो में सीसी के अलावा कुछ खास विकास खाते में दर्ज नही करा सकी जिससे क्षेत्र की गरीब जनता बेरोजगारी लाचारी और पिछडेपन के बीच बडे महानगरों की ओर कूच करती रही है।
पलायन का सबसे बडा कारण भाजपा शासन द्वारा क्षेत्र में एक भी उधोग धधे स्थापित न करा पाना रहा जानकारों का कहना है राजनैतिक पार्टिया चुनाव के समय पलायन कर गये मतदाताओं को महानगरो से बुलाकर पैसे की दम पर वोट खरीदते आये है वहीं सूवे के मुखिया शिवराज ने भी जिले के लगातार दौरे किये पर हरपालपुर क्षेत्र में अपने दस वर्ष के शासन काल में कोई उपलब्धि नही छोडी जिसे अगुंलियो पर गिनाया जा सके।
वहीं नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने यहां की जनता का खून ही चूसा है एसे में एक बार फिर भाजपा की हैट्रिक की सेंध के साथ महाराजपुर क्षेत्र की जनता के बीच वोटों की भीख मांगने आ रहे नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है क्षेत्र में भाजपा की हालत पतली होने के कारण वोट बैंक खिसक रहा है वहीं भाजपा के पास काविल उम्मीद्वार न होने से घिसे पिटे मोहरे ही चर्चाओं में दिखाई दे रहे है बहरहाल अभी स्पष्ट रूप से भले ही पार्टी ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नही की है फिर भी लोगों का यह कहना है कि भाजपा ने इस बार बहुत ही सोच समझकर प्रत्याशी नही उतारा तो भाजपा के पाले से गेंद कांग्रेस या बसपा की झोली में जाते हुए दिखाई दे रही है।
उधर पार्टी सूत्रों की माने तो यह भी कयास लगाये जा रहे है कि टिकिट सुख से बंचित रहे नेता ऐन बक्त पर वागी होकर कांगेस बसपा में जाकर भाजपा का समीकरण बिगाड सकते है।