भोपाल। वर्तमान में चल रही संविदा शिक्षक भर्ती में एक और फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है। विश्वसनीय सूत्रों से पता है की वर्ग 3 की काउंसलिंग में अब लगभग दस हज़ार आवेदक फर्जी D.ED की मार्कशीट से vefication करवा कर नौकरी प्राप्त कर चुके हैं।
ऐसे सभी आवेदकों को एक गिरोह फर्जी मार्कशीट मुहैया करवा रहा है तथा इन लोगों ने कुछ चुनिन्दा सेंटर को भी खरीद रखा है जहाँ पर वे ऐसी फर्जी DED की मार्कशीट का सत्यापन भी करवा लेते हैं। DEO कार्यालय के पास न तो कोई साधन है न ही कोई इच्छाशक्ति, जिससे ऐसे लोगो को जेल भेजा जा सके। यह घोटाला FIRST COUCELLING से ही शुरू हो चूका है जो निरंतर चल रहा है।
अतः हम सभी को इस सत्यापन प्रक्रिया एक और दोष से सभी वर्ग के उम्मीदवारों को अवगत करवाना है I
लड़ाई बहुत लम्बी है , कई रूकावटे भी आयेंगी , पर इन सभी समस्याओं का समाधान भी हम सभी को खोजना है, और ये हम कर कर ही रहेंगे I आप सभी भाई बहिन सोमवार को अपने अपने DEO कार्यालय/या सम्बंधित कार्यालय में जा कर आवेदन दें I आप चाहें तो इस लेख का फर्स्ट PARAGRAPH अपने आवेदन में जोड़ सकते हैं I अपने आवेदन की फोटोकॉपी पर प्राप्ति लेना (WITH SEAL ) ना भुले।
दूसरी सुचना यह है की ग्वालियर खंडपीठ से हमारे पक्ष में फैसला आने की खबर मुझे फ़ोन पर ग्वालियर के मित्रो से प्राप्त हुई है तथा ग्वालियर के भाई बहिन इस फैसले की कॉपी लेने सोमवार को कोर्ट पहुचेंगे यदि यह संभव हो पाया तो आगे का रास्ता अधिक स्पष्ट हो सकेगा।
यह भी खबर मिली है की DEO कार्यालय को शासन का friday को पत्र प्राप्त हुआ है जिसमे निर्देश है की परीक्षा दिनांक के प्राप्त की गयी किसी भी योग्यता के आधार पर verification न किया जाये i
उपरोक्त दोनों खबरों का कोई लिखित प्रमाण न होने से हमारी आगे की योजना(धरना प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन ) में थोडा विलम्ब हो रहा है जिसका समाधान मंगलवार तक होने की प्रार्थना हमें परम पिता परमात्मा से करनी चाहिए।
तो अभी आप सभी अपने अपने DEO कार्यालय/या सम्बंधित कार्यालय में जा कर आवेदन/ शिकायती पत्र दें i जो भी साहसी एवं जागरूक भाई बहिन आवेदन दे वे मुझे ईमेल पर जरूर सूचित करेँ i
आजकी पंक्तिया जो हम सभी को उर्जा प्रदान करेंगी -- इसके
रचनाकार: हैं श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी
(क्या अब भी माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान/ भारतीय जनता पार्टी खामोश रहेंगे ?)
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते
सत्य का संघर्ष सत्ता से
न्याय लड़ता निरंकुशता से
अंधेरे ने दी चुनौती है
किरण अंतिम अस्त होती है
दीप निष्ठा का लिये निष्कंप
वज्र टूटे या उठे भूकंप
यह बराबर का नहीं है युद्ध
हम निहत्थे, शत्रु है सन्नद्ध
हर तरह के शस्त्र से है सज्ज
और पशुबल हो उठा निर्लज्ज
किन्तु फिर भी जूझने का प्रण
अंगद ने बढ़ाया चरण
प्राण-पण से करेंगे प्रतिकार
समर्पण की माँग अस्वीकार
दाँव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते
आपका भाई
सचिन भटनागर