सामान्य वर्ग को एनसीटीई ने बीएड करने दिया जबकि बीए में 50 प्रतिशत से कम अंक था अब नौकरी देने में क्यों सामान्य वर्ग वालो के नियम 50 प्रतिशत कर दिया यह धोखा है।
अप्रिशिक्षित को मौका कब दिया जाना चाहिए जब उपयुक्त बीएड योग्ताधारी नहीं मिलते लेकिन संविदाशाला भर्ती में वर्ग 2 ऐसे बीएड पास है जिनका स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक है इसे इसलिए सारी योग्यता होते बाहर कर दिया जबकि इनमें से कई परास्नातक में 50 प्रतिशत से आधिक अंकों से उतीर्ण हैं। जब इनके पास एनसीटीई के अनुसार स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक होने के बावजूद 2006 के बाद भी बीएड कराया गया तो संविदाशाला वर्ग दो में नौकरी क्यों नहीं दे रही है। एनसीटीई अपने नियम को बाद में कैसे बदल सकती है।
ऐसे बीएड किये बेरोजगारो का क्या होगा जो सामान्य वर्ग में आते हैं और बीए में 50 प्रतिशत से कम अंक है और 2006 के बाद बीएड किया है। क्या इनकी बीएड की डिग्री बेकार नहीं हो जाएगी जब मध्य प्रदेश सरकार नौकरी नहीं देना चाहती है तो एनसीटीई ने क्यों बीएड की डिग्री में प्रवेश दिया उसी समय रोक लगा देनी चाहिए इस तरह तो सामान्य वर्ग के छात्रों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है।
हम सभी को एकजुट होना है। भोपाल समाचार हमारी व्यथा समझे और हमारी बात सरकार तक पहुंचाए नहीं तो हमारा भविष्य खराब हो जाएगा।
अभिषेक कांत पाण्डेय
समान्य वर्ग
संविदाशाला वर्ग दो
स्नातक में 49 प्रतिशत
परास्नातक में 72 प्रतिशत
बीएड 61 प्रतिशत