भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में मरीजों की गुपचुप नसबंदी का मामला प्रकाश में आया है। ज्यादा से ज्यादा इंसेंटिव के लालच में डॉक्टर्स ऐसे ग्रामीण मरीजों की नसबंदी कर रहे हैं जो आपरेशन के लिए वहां पहुंचते हैं।
साहब, सिर्फ सालभर पहले मेरी शादी हुई है, फिर भी हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने धोखे से हार्निया का आपरेशन करने के बजाय नसबंदी कर दी। इसकी शिकायत करने पर भी हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक ने कार्रवाई करने के बजाय टाल दिया। अब मैं अपने घर भी नहीं जा पा रहा हूं, न ही अपनी पत्नी को सच बता पा रहा हूं, मेरा तो भविष्य ही बर्बाद हो गया। यह फरियाद है सागर जिला के ग्राम देवल निवासी बैजनाथ विश्वकर्मा की, जो कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा था।
बैजनाथ की शिकायत सुनते ही जनसनुवाई कर रहे एडीएम बाबूसिंह जामोद भी चौंक गए और मामले की गंभीरता भांपते हुए एसडीएम बैरागढ़ को जांच करने के निर्देश दिए। बैजनाथ ने बताया कि वह चांदबढ़ में एक फर्नीचर शॉप पर कारपेंटर का काम करता है। पिछले दो माह से पेशाब में परेशानी होने के साथ ही दर्द तथा सूजन आ रही थी।
2 जून 2013 की रात को दर्द ज्यादा होने पर 3 जून को हमीदिया अस्पताल पहुंचा, जहां ओपीडी में डॉक्टर संजय मिले। उन्होंने तीन टेस्ट लिखे, जिसे कराने के बाद डॉ. संजय ने बताया कि हार्निया है, जिसका आपरेशन किया जाएगा। इसके बाद 6 जून को हमीदिया में ही आपरेशन कर दिया गया, फिर भी दर्द कम नहीं हुआ। इस बीच अपने घर गया तो बीना में सरकारी अस्पताल के डॉ. आरके जैन को दिखाया, जिसके बाद टेस्ट करवाए और बताया कि हार्निया तो है, लेकिन आपरेशन नसबंदी का किया गया है।
भोपालसमाचर.कॉम के सूत्रों का दावा है कि हमीदिया में ग्रामीण इलाकों से आपरेशन कराने आने वाले ज्यादातर लोगों की गुपचुप नसबंदी की जा रही है। डॉक्टरों का पूरा रैकेट इस खेल में शामिल है और इसके पीछे मौजूद है नसबंदी का टारगेट व इंसेंटिव का लालच। ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाने के लालच में डॉक्टर हर खासोआम को नसबंदी का शिकार बना रहे हैं।