इंदौर। बहुचर्चित शिवानी हत्याकांड में चाचा राजेशसिंह सेंगर को सजा-ए-मौत के सेशन कोर्ट के फैसले पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी। इसके साथ चाचा एवं चाची बेबीबाई सेंगर की फैसले को चुनौती देने वाली अपीलें भी खारिज हो गई है।
26 सितंबर 2012 को स्कीम 114 स्थित राजीव आवास विहार में ‘डी’ ब्लाक में फ्लैट नंबर 885 में यह मासूम शिवानी की हत्या हुई थी। मासूम शिवानी की उसके चाचा राजेशसिंह पिता नन्हेंसिंह सेंगर (41) ने बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी। घटना के तीन महीने पहले ही शिवानी को राजेशसिंह ने उप्र के इटावा के पास औरेया गांव में रहने वाले भाई परमसिंह से गोद लिया गया था।
पुलिस ने इस मामले को चिह्नित जघन्य अपराधों की फेहरिस्त में शामिल किया था, जांच उपरांत राजेशसिंह एवं उसकी पत्नी बेबीबाई (35) के खिलाफ हत्या व बलात्कार की धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें मुलजिम बनाया था। चार दिनी गवाही के दौरान कोर्ट परिसर में आक्रोशित लोगों ने मुलजिमों की जमकर पिटाई भी कर दी थी।