भोपाल। चुनाव आयोग पहली बार मध्यप्रदेश में यह पता लगाएगा कि वीआईपी वोट क्यों नहीं डालते हैं। इसके लिए चुनाव के ठीक बाद वीआईपी इलाकों में चुनिंदा मतदान केन्द्रों पर औचक सर्वे कराया जाएगा।
इसमें मतदाताओं की सूची देखकर पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने मतदान में किस वजह से हिस्सा नहीं लिया। इसके आधार पर आयोग आगामी चुनावों में मत प्रतिशत ब़़ढाने की रणनीति तय करेगा।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक पूरे तंत्र का जोर इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर है। इसके लिए प्रचार-प्रसार से लेकर हर तरह के जतन किए जा रहे हैं। चुनाव पूर्व आर्थिक सांख्यिकी महकमे से भी मतदाताओं के व्यवहार का पता लगाने सर्वे कराया जा रहा है।
लेकिन, वीआईपी के मतदान से दूर रहने की वजह का पता अलग से चुनाव के बाद लगाया जाएगा। इसके लिए एजेंसी चयन के साथ पद्धति का निर्धारण चुनाव आयोग मतदान के बाद करेगा।
दरअसल, चुनाव आयोग को मतदान में इस तरह की सूचनाएं मिली हैं कि वीआईपी क्षेत्रों में शुमार होने वाले इलाकों में मत का प्रतिशत काफी कम रहता है। हालांकि, इसकी कोई वजह अब तक सामने नहीं आई है। यही वजह है कि आयोग ने इस तरह की पड़ताल करने का निर्णय लिया है।
वोट नहीं डालना तो भरो फार्म
चुनाव में इस बार फार्म 49 [0] का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस फार्म को वो मतदाता मतदान केन्द्र पर भरते हैं जिन्हें वोट नहीं डालना होता है। इस बार ऐसे मतदाताओं की अलग से सूची तैयार की जाएगी। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि फार्म 49 [0] का जमकर प्रचार किया जाए।
जयदीप गोविंद, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि हर मतदान केन्द्र पर रजिस्टर रखा जाएगा। इसमें उन सभी का ब्यौरा रखा जाएगा जो मतदान नहीं करेंगे। स्थानीय स्तर पर ऐसे लोगों से पूछताछ भी होगी।