भोपाल। सागर के कलेक्टर एवं एसपी के खिलाफ हाईकोर्ट ने अवमानना की एक याचिका को स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के जवाब के लिए उन्हें 30 दिन की मोहलत दी गई है।
माननीय म0प्र0 उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 6276/2012 में पारित निर्णय दिनांक 10/12/2012 के अनुसार सागर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सागर को नगर पंचायत शाहपुर के अध्यक्ष के विरूद्ध नगर पालिक अधिनियम 1961 की धारा 41 (ए) (अध्यक्ष पद से हटाने की कार्यवाही) के तहत कार्यवाही करने तथा तत्कालीन पदस्थ दोषी अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु तीन माह का समय दिया गया था लेकिन निर्धारित तीन माह व्यतीय होने के बाद भी कोई कार्यवाही कलेक्टर एवं एस0पी0 द्वारा संपन्न नही की गयी न ही माननीय न्यायालय के आदेश को उक्त अधिकारियों ने कोई बल दिया।
जबकि माननीय न्यायालय का उक्त आदेश सह याचिका की प्रतिलिपि याचिकाकर्ता द्वारा रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से प्रेषित की गयी थी तथा याचिकाकर्ता स्वयं निर्धारित समय सीमा के एक दिन संबंधित अधिकारियों को चेतावनी सूचना पत्र प्रदान किया गया था फिर भी उक्त अधिकारियों के मनमानें पूर्ण रवैयें को देखते हुए माननीय न्यायालय के आदेश को कोई तर्जी नही दी गयी जिससे क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता शाहपुर निवासी राजकुमार श्रीवास्तव उर्फ भाईसाहब द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दिनांक 02/04/2013 को सागर कलेक्टर श्री योगेन्द्र शर्मा एवं सागर एस0पी0 श्री अभय सिंह के विरूद्ध अवमानना याचिका, भारतीय संविधान 1950 के अनुच्छेद 215 के अंतर्गत अधिवक्ता रामेश्वर पी0 सिंह के माध्यम से दायर की है।
उक्त याचिका में श्री योगेन्द्र शर्मा एवं श्री अभय सिंह को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय का निर्धारित समय सीमा तीन माह के भीतर पालन न करने का आरोप याचिका में लगाया गया है। तथा दोषी दोनों अधिकारियों (कलेक्टर एवं एस0पी0) के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग की गयी है। याचिका पर माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेन्द्र मेनन की एकलपीठ दारा प्रारम्भिक सुनवाई की गयी।
अधिवक्ता रामेष्वर पी0सिंह के तर्को से सहमत होते हुए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त अवमानना याचिका विचारार्थ स्वीकार की गयी तथा अनावेदकगण श्री योगेन्द्र शर्मा कलेक्टर सागर एवं श्री अभय सिंह एस0पी0 सागर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर तीस दिवस के अंदर जवाब तलब किया है।