स्विस महिला बलात्कार कांड: वीडिया कांफरेंसिंग के जरिए होगी शिनाख्त और बयान

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दतिया। स्विस महिला के साथ हुए गैंगरेप के मामले में पीडि़त जोड़े के कथन व आरोपियों की शिनाख्त की कार्रवाई कमीशन कोर्ट के समक्ष स्विस दूतावास में हो सकती हैं। इस मामले को लेकर शुक्रवार को दतिया के एडीजे कोर्ट में हुई ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में वीडियो कांफ्रेसिंग की अनुमति मांगी है।

यह कांफ्रेसिंग स्विस दूतावास दिल्ली में कमीशन के समक्ष होगी जिसमें स्विस जोड़े के बयान दर्ज होंगे व दतिया जेल में विचाराधीन 6 आरोपियों की  वीडियो कांफ्रेसिंग के   जरिए शिनाख्त कराई जाएगी। मामले की अगली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की इस मांग पर चर्चा होने की उम्मीद है।

शुक्रवार को एडीजे कोर्ट में स्विस महिला के साथ हुए गैंगरेप मामले की  ट्रायल हुई इस दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा एसडीएम दतिया कमलेश भार्गव, आरक्षक रमेश चंद्र व साईबर सेल प्रभारी मनीष अतरौलिया के बयान कराए गए।  इन तीनों के बयानों पर बचाव पक्ष की ओर से जिरह की गई। एसडीएम दतिया द्वारा स्विस जोड़े के बीजा व पासपोर्ट अटेस्टेड किए थे। अभियोजन पक्ष के अभिभाषक राजेंद्र तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को ही अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में पीडि़त पक्ष स्विस महिला व उसके साथी के साक्ष्य कराने के लिए वीडियो कांफ्रेसिंग कराने की अनुमति के लिए आवदेन दिया है।

कोर्ट द्वारा अब तक दो बार स्विस महिला व उसके साथी को कथन देने के लिए समंस जारी किए जा चुके हैं लेकिन समंस अब तक केवल दूतावास तक ही तामील हो सके हैं व्यक्तिगत रूप से समंस तामील नहीं हो सके हैं। ऐसी स्थिति में पीडि़त पक्ष के कथन दर्ज कराने के लिए अभियोजन ने वीडियो  कांफ्रेसिंग की अनुमति मांगी है। श्री तिवारी के मुताबिक वीडियो कांफ्रेसिंग दिल्ली स्थित स्विस दूतावास में  होगी वहां कमीशन कोर्ट के समक्ष पीडि़त पक्ष के कथन होंगे दूसरी ओर आरोपीगणों की शिनाख्ति के लिए दतिया जेल में भी वीडियो कांफ्रेसिंग की व्यवस्था  की जाएगी। हालांकि ट्रायल कोर्ट ने अभी वीडियो  कांफ्रेसिंग की अनुमति नहीं दी है अनुमति के लिए दिए गए आवेदन पर बचाव पक्ष की ओर से जवाब आने के बाद स्पष्ट होगा कि कोर्ट अनुमति देता है या नहीं।

कैसे दर्ज होंगे पीडि़तपक्ष के बयान

अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोर्ट अनुमति दे देता है तो दिल्ली स्थित स्विस दूतावास में कमीशन कोर्ट के समक्ष पीडि़त पक्ष के साक्ष्य होंगे। यह अपने आप में एक अनूठा मामला होगा। दिल्ली में स्विस दूतावास में दिल्ली के ही मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रिेट के समक्ष बयान व आरोपियों की शिनाख्त हो सकती है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि दूतावास में यदि पीडि़त पक्ष नहीं आता है तो फिर स्विस जाकर ही बयान लेने का रास्ता बचेगा। हालांकि अभियोजन पक्ष को पूरी उम्मीद है कि कोर्ट वीडियो कांफ्रेसिंग की इजाजत देगा व पीडि़त पक्ष भी आएगा।

इनका कहना है
ट्रायल कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से वीडियो कांफ्रेसिंग के लिए अनुमति मांगने आवेदन दिया है। बचाव पक्ष के जवाब व कोर्ट से अनुमति के बाद स्विस दूतावास में कमीशन के समक्ष पीडि़तपक्ष के साक्ष्य होंगे।
राजेंद्र तिवारी
शासकीय अधिवक्ता

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