जाली सर्टिफिकेट्स लगाकर 6 साल तक नौकरी करता रहा स्वप्निल एक्सपोज

अनूपपुर(राजेश शुक्ला)। जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग में बतौर जिला युवा समन्वयक पिछले 6 वर्षो से सेवायें दे रही स्वप्निल दुबे को फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर जालसाजी से तथा कुट रचित दस्तावेज के मामले में दोषी पाये जाने पर जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा कार्यवाही करते हुये सेवा समाप्त कर दी गई, परंतु अभी तक उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज नहीं किया गया है।

क्या है मामला

चचाई निवासी स्वप्निल दुबे ने पहला आवेदन ग्रामीण खेल प्रशिक्षण के लिये पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किया और आवेदन में उसके द्वारा क्षेत्रीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता वर्ष 2000 का जारी प्रमाण पत्र उसने प्रस्तुत किया गया।  जिसमें उसने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जबकि वर्ष 2009 में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ग्रामीण युवा समन्वयक की भर्ती निकली जिसमें स्वप्निल ने क्षेत्रीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता का प्रमाण पत्र कुट रचित कर लगाया और मामले की जांच होने पर यह ठीकरा फूट गया। तथा स्वप्रिल की सेवायें समाप्त कर दी गई।

प्रमाण पत्रो का खेल

इस पूरे मामले में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि स्वन्लि दुबे के द्वारा भर्ती में जहां एक ओर तृतीय स्थान वाला प्रमाण पत्र लगाया गया था तो वहीं दूसरी ओर एक अन्य दूसरे मामले में उसने उसी प्रमाण पत्र को लगाया जिसमें उसे कोई भी स्थान नहीं मिला था और इसी आधार पर जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी रविकांत सिंह द्वारा जांच प्रतिवेदन भोपाल भेजा गया। और इसी के तहत स्वप्रिल को नौकरी से हाथ धोना पडा।

इनका कहना है
जांच प्रतिवेदन मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया जहां पर दोषी पाये जाने पर कार्यवाही करते हुये पद से पृथक कर दिया गया।
रविकांत सिंह
जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी

If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!