बड़वानी कॉलेज कांड: हाईकोर्ट ने लोकायुक्त को कहा, चार माह में जांच पूरी करो

भोपाल। शासकीय पीजी कॉलेज बड़वानी में हुए फर्जी प्रोफेशनल कोर्स कांड के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इन्दौर खंडपीठ ने लोकायुक्त को आदेशित किया है कि वो अगले चार महीने में अपनी जांच पूरी करे। सनद रहे कि यह जांच लोकायुक्त में मामले के प्रकाश में आने के बाद से ही लंबित है। हाईकोर्ट में याचिका दिलीप शुक्ला ने लगाई थी।

शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के कालेज द्वारा प्रोफेशनल कोर्स (वाणिज्य विभाग) के नाम पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली द्वारा आवंटित लगभग 20 लाख रूपया हजम करने के मामले दायर जनहित याचिका क्रमांक पी.आय.एल. 1914/2009 एवं द्वितीय पी.आय.एल. 8604/2012 के अनुसार हाईकोर्ट ने लोकायुक्त पुलिस को चार माह में जांच पुरी करने के निर्देश दिये हैं।

जस्टिस शांतनु केमकर व जस्टिस एम.सी गर्ग की डिवीजन बेंच के इस निर्देश के साथ याचिका को निराकृत कर दिया है कि एस.बी.एन. द गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, बड़वानी के उक्त अधिकारियों का प्रकारण अपने हाथ लेवें। इस मामले में याचिकाकर्ता दिलीप शुक्ला की ओर से एडव्होकेट मनोज मानव ने यह याचिका दायर की थी।

इसमें प्रदेश के प्रमुख सचिव के साथ कमिश्नर हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट, यूजीसी, एस.पी. लोकायुक्त व ई.ओ.डब्ल्यू., शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी तत्कालीन एवं वर्तमान प्राचार्य डा. शिवनारायण यादव एवं को-आर्डिनेटर डा. सतीशचन्द्र जैन प्राचार्य कन्या महाविद्यालय विदिशा को पक्षकार बनाया गया है।

याचिका में कहा गया कि मामला 2003 से 2006 के बीच का है। उक्त कालेज में फारेन ट्रेड के नाम पर यूजीसी के अनुदान से एक प्रोफेशनल कोर्स चलाया गया एवं छात्रों से पेमेन्ट भी लिया गया, जिसकी सभी शर्तों में गड़बड़ी की गई। इस तरह यूजीसी से लाखों रूपये की सहायता ली गई।

इस मामले की तब विभागीय जांच के साथ लोकायुक्त को भी जांच सौपी गई थी, मगर जाचं पूरी नहीं हुई। विभाग ने अधिकारियों को बचाने के लिए प्रकरण को न्यायालय के आदेश दिनांक 8/8/2011 का पालन न करते हुए प्रकरण आयुक्त विभागीय जांच को भेज दिया।

आयुक्त विभागीय जांच ने उच्च शिक्षा विभाग को नियमानुसार स्वयं कार्यवाही करें ऐसे निर्देश दिये। उच्च शिक्षा विभाग ने स्वयं कार्यवाही न करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन चाहा और सम्पूर्ण फाईल ठण्डे बस्ते में डाल दी। याचिकाकर्ता दिलीप शुक्ला ने पुनः एक याचिका पी.आई.एल/8604/12 जिसमें लोकायुक्त को अक्रियाशील बताया गया।

मान्य उच्च न्यायालय ने 13/02/13 को लोकायुक्त मध्यप्रदेश शासन को कार्यवाही पूर्ण करने के लिए चार माह डेड लाईन दे दी है। लोकायुक्त के एडव्होकेट ए.एस. गोखले ने यह स्वीकार कर लिया कि लोकायुक्त कार्यालय में केस पेण्डींग पड़ा है। माननीय न्यायालय में याचिकाकर्ता को चेप्टर 15 क्रिमीनल प्रोसीजर के कोड नम्बर 1973 के अनुसार कार्यवाही के करने के अधिकार भी प्रदान कर दिये हैं।

हाई कोर्ट इन्दौर ने इस निर्णय की जानकारी प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा भोपाल, आयुक्त उच्च शिक्षा भोपाल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भोपाल, लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक भोपाल, मध्यप्रदेश लोकायुक्त भोपाल, पुलिस अधीक्षक ई.ओ.डब्ल्यू. इन्दौर, प्राचार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी, श्री शिवनारायण यादव प्राचार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी, डा. सतीश जैन समन्वयक बड़वानी एवं प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय विदिशा आदि को अवगत कराया है। कोर्ट के इस निर्णय से जनता में हर्ष है।

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