कण-कण में हैं 'करप्शन देवतागण'

श्रीश पांडे/ मध्य प्रदेश में पड़ रहे दनादन छापों से 'हैप्पी मूड' में बड्डे बोले- बड़े भाई केंद्र या राज्य से चलने वाले 100 रुपयों में 85 से 95 रुपया कहां चला जाता है, की गणित को अब समझना और पकड़ना पहले की बनिस्पत ज्यादा आसान हुआ है। हमने कहा- अरे बड्डे! करप्शन तो सड़कों पर सरेआम दशकों से बह रहा है, सबको दिख रहा है, जो कर रहे उनको और जो करवा रहे उनको भी, मगर जो इसके शिकार हैं 'ओनली' वे ही चिल्लपों करते रहे हैं।

अब हो-हल्ला इसलिए ज्यादा है कि अब करोड़ों के कुबेर पकड़े जा रहे हैं। चाहे बाबू हो या साहब सब की एक ही जात है, एक ही कर्म और एक ही लक्ष्य है। वह है लूट के मार्फत कुबेर टाईप से समाज में इस्टेबलिश हो जाना। कुबेर भी ईश्वरीय सत्ता के अंश हैं। परन्तु अब करप्शन और अधिक व्यापक हो, कण-कण में अपनी मौजूदगी दर्ज करा, सर्वव्यापी ईश्वर को चुनौती दे रहा है। सो, बड्डे जो ज्यादा व्यपाक है, सर्वत्र व्याप्त है,वही आज का देवता है। याद करो वर्षो पहले दिलीप सिंह का कॅरिअर करप्शन के केश में कलंकित हो जाने के बाद कहे सद्वाक्य को कि- 'पैसा खुदा तो नहीं, पर खुदा की कसम खुदा से कम भी नहीं।' तब तो लाखों का मसला था और अब यही खुदा करोड़ों के देवता करप्शन के आसन पर विराजमान है।

बड्डे अपने सीएम भी कहते फिरते हैं कि 'मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है, जनता उस मंदिर की देवता और वे खुद उसके पुजारी हैं।' बड्डे बोले देखो अपने सीएम कितने 'इनोसेंट' हैं, कितना समर्पण है उनमें प्रदेश की जनता के लिए। हमने कहा- तुम बोका हो और प्रदेश की जनता भोली है। क्योंकि वह 'नेताओं की भावुक बातों में फंस जाती है, उनकी बातों के गूढ़ अर्थ नहीं बांच पाती।' 'नाऊ यू शुड थिंक एण्ड टेल मी बड्डे, कि- मंदिर में चढ़ा प्रसाद कौन खाता है.! बड्डे बोले- पुजारी। तो बात बड़ी 'क्लियर' है जनता भगवान बने प्रसाद मात्र ताक रही है, मगर उसका सेवन तो पुजारी किए जा रहा है।

बड्डे बोले- बड़े भाई आप पत्रकार लोग बड़े बारीक- बारीक भेद निकालते हो, बात में छिपी उनकी जन भावना को नहीं समझते। अब यकीन न हो तो उनके गणों को देख लो, जितने पकड़े जा रहे हैं सब के सब करोड़ों के देवता हैं। जनता इनको कुछ यूं पुकारती है कि बीके सिंह 65 करोड़ी, डॉ. विनोद लहरी 60 करोड़ी, अरविंद टीनू जोशी 43 करोड़ी, अजरुनदास लालवानी 40 करोड़ी, एसके पालाश 40 करोड़ी, एनकेव्यास 35 करोड़ी, उमेश गांधी 30 करोड़ी, रमेश द्विवेदी 25 करोड़ी, हुकुमचंद पाटीदार 20 करोड़ी,एएन मित्तल 20 करोड़ी, कैलाश सांगरे 10 करोड़ी।

आखिरकार बड्डे की खमोशी टूटी और बोले किअब तो वाकई कण-कण में करप्शन देवतागण मौजूद हैं।

लेखक श्रीश पाण्डेय सतना मध्यप्रदेश से प्रकाशित दैनिक समाचार स्टार समाचार में सब एडिटर के पद पर कार्यरत हैं एवं एडिट पेज की जिम्मेदारी संभालते हैं। श्रीश पांडे के ब्लॉग 'इनदिनों' को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!