क्या आप जानते हैं...
•भारत में पहली रेलगाड़ी 16 अप्रैल, 1853 को दौड़ी थी।
•1947 में भारत का रेल नेटवर्क 53596 किमी था।
•वर्तमान में भारत का रेल नेटवर्क 64015 किमी है।
•भारत के पास मालवाहक डिब्बे 2.25 लाख।
•140 किमी/घंटे की रफ्तार के साथ भोपाल शताब्दी एक्स. देश की सबसे तेज गति की ट्रेन।
•कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली में भूमिगत रेलें चल रहीं है।
• पाकिस्तान में 1947 में दौड़ी थी पहली रेल
•कर्मचारी - 85000 लगभग
•रेल नेटवर्क - 11755 किमी
•ट्रेनों का संचालन - 240 प्रतिदिन (अनुमानित)
•पैसेंजर - 5 करोड़ लगभग (2011-12)
•सर्वाधिक गति वाली ट्रेन - 120 किलोमीटर प्रति घंटा। थार एक्सप्रेस कराची तक।
•चीन में 1876 में दौड़ी थी पहली रेल
•1947 में चीन का रेल नेटवर्क सिर्फ 27,000 किलोमीटर का था
•2012 तक चीन के रेलवे की कुल लंबाई 1,10,000 किमी से भी अधिक
•चीन के पास मालवाहक डिब्बों की संख्या 5.7 लाख है
सबसे पहली ट्रेन 8 किमी /घंटा
•इंग्लिश इनवेंटर रिचर्ड ट्रिथविक ने जब पहली बार स्टीम लोकोमोटिव इंजन का निर्माण किया, तो उस समय ट्रेन की स्पीड होती थी महज 8 किलोमीटर प्रति घंटा। फिर 1815 में इंग्लिशमैन जॉर्ज स्टीवेंशन ने स्टीम लोकोमोटिव इंजन का अपडेटेड वर्जन उतारा, तो उस समय ट्रेन की स्पीड बढ़कर हुई 25 किमी. प्रतिघंटा।
•बुलेट ट्रेन का आविष्कार किया था जापान के चीफ रेलवे इंजीनियर हाइडो शीमा ने। उन्होंने प्लेन की तरह उड़ान भरने वाली ट्रेन बनाने का सपना देखा और इसे साकार किया साल 1964 में।
•इस विशेष प्रोजेक्ट को टोक्यो ओलंपिक के समय अंजाम दिया गया। इसे जापान सरकार और वर्ल्ड बैंक से वित्तीय मदद मिली थी।
•पहली हाई स्पीड रेल लाइन ओसाका से टोक्यो तक बनी थी। यह रेलवे लाइन तकरीबन 320 मील लंबी थी।
•बुलेट ट्रेन का वास्तविक नाम है शिनकानसेन। बुलेट जैसी दिखने के कारण इसका नाम पड़ा बुलेट ट्रेन।
•स्पीड को कसौटी मानकर यूरोपियन यूनियन ने 200 किमी. प्रति घंटा या उससे ज्यादा की गति से ज्यादा चलने वाली ट्रेन को बुलेट ट्रेन नाम दिया।
•बुलेट ट्रेनें यात्रियों को ढोने के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन फ्रांस की फ्रेंच मेल सर्विस ला पोस्टे के पास कुछ ऐसी ही ट्रेनें हैं, जो केवल माल ढोने का काम करती हैं।
ये भी जानें
•दुनिया में कहीं भी ट्रेन की 60 सेकंड की लेटलतीफी को समय से पहुंचना माना जाता है, लेकिन जापान एक मात्र ऐसा देश है जहां इतने अंतराल को भी ट्रेन को देरी से पहुंचने में शामिल किया जाता है।
•जापान की 95 फीसदी बुलेट ट्रेनें और 98 फीसदी सामान्य ट्रेनें समय से चलती हैं। यह सिलसिला 1980 से लगातार कायम है।
•जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अगर कोई ट्रेन निर्धारित समय से पांच मिनट या इससे अधिक देरी से पहुंचती है तो उसे लेट माना जाता है।
सबसे तेज ट्रेन
•चीन की सीआरएच 380 उर्फ सिल्वर-सिल्वर फिलहाल दुनिया की सबसे तेज ट्रेन है जो 354 किलामीटर प्रतिघंटे की गति से चलती है।
•जापान की नई बुलेट ट्रेन हायाबुसा जिसे फाल्कन भी कहा जाता है, टोक्यो से एओमोरी के अपने रूट पर सिर्फ छह मिनट में 300 किमी/घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।
•जापान लगभग 500 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार वाली ट्रेन बना रहा है। यह मैग्नेटिक लेविटेशन के सिद्धांत पर चलेगी, यानी चुंबकीय प्रभाव से पटरी के ऊपर हवा में तैरेगी।
सियासी खेल में फंसी भारतीय रेल
लालू का कमाल
•एक्सल लोडिंग में बढ़ोतरी की।
•यात्री किराये में 1 रुपये की कटौती की
•17,000 करोड़ के विशेष रेलवे सुरक्षा कोष को यात्री किराये में शामिल किया।
•कई पैसेंजर और मेल गाडि़यों को सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में बदला।
•तत्काल सेवा के शुल्क में बढ़ोतरी की।
•मालभाड़े और यात्री किराये पर भी 2 फीसदी रेल विकास अधिभार लगाना शुरू किया।
नतीजा: 2008-09 में जब लालू ने रेल मंत्रालय छोड़ा तब रेलवे का शुद्ध राजस्व 4,456 करोड़ रुपये था।
ममता ने किया बेहाल
•ममता बनर्जी ने रेल किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की।
•अपर्याप्त बजट के बिना नई परियोजनाओं को मंजूरी दी।
•बनर्जी ने 2011-12 में 176 ट्रेनों की घोषणा की, इनमें 29 ट्रेनें ऐसी थीं, जो पश्चिम बंगाल से शुरू या वहां खत्म होती थीं।
•उनके बाद दिनेश त्रिवेदी ने रेलवे की कमान संभाली।
•तृणमूल के दिनेश त्रिवेदी ने यात्री किराये में 8 से 22 फीसदी बढ़ोतरी की।
•मुकुल रॉय ने रेलवे की कमान संभालते ही यात्री किराये में बढ़ोतरी वापस ली।