भोपाल। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इन्दौर अब पूरी तरह से आधुनिक एवं मिनिमेट्रो की शक्ल ले लेगा। सरकार ने इन्दौर शहर की सीमाएं लगभग दो गुना करने के आदेश पर मोहर लगा दी है। फिलहाल इन्दौर शहर 137 स्क्वेयर किमी पर फैला हुआ है। इसकी आबादी 21 लाख है, निश्चित है अगले दस सालों में यह संख्या 40 लाख से ज्यादा होगी।
इन्दौर में अपनी विस्तार योजनाएं बना रहीं कंपनियों एवं करियर प्लान कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अगले पांच सालों में इन्दौर मध्यप्रदेश की सबसे हाईटेक एवं प्रोफेसशनल सिटी हो जाएगा और मेट्रो ट्रेन के आते ही यह शायद मुम्बई से ज्यादा खूबसूरत और आरामदायक भी होगा।
राज्य शासन ने इंदौर नगर निगम सीमा का विस्तार करते हुए 29 नए गांवों को जोड़ दिया है। राज्यपाल के आदेश पर उपसचिव के.के. कातिया द्वारा जारी अधिसूचना लागू हो गई है। आदेश नगर निगम सहित संबंधित शासकीय विभागों तक पहुंच गए हैं। अब कलेक्टर इन ग्राम पंचायतों को डि-नोटिफाई करने की कार्रवाई करेंगे। इसके बाद तय होगा कि अगले निगम और पंचायत चुनाव किस तरह होंगे। शासन के इस निर्देश से इन 29 गांवों के 1 लाख, 10 हजार लोग शहरी नागरिक कहलाएंगे। साथ ही इनके जीवन स्तर में भी कई बदलाव आएंगे।
सूत्रों का कहना है इस नोटिफिकेशन से सर्वाधिक खलबली रियल इस्टेट क्षेत्र में मचेगी। जो स्वीकृतियां इस बीच बैक डेट में हो जाएंगी, वह पंचायत के नियमों का फायदा उठा लेंगे। निगम सीमा में आने के बाद न केवल कई तरह की फीस बढ़ जाएगी, बल्कि उलझनें भी। ऐसे में नक्शे स्वीकृत करने वाली संस्थाओं के लिए नए आदेश जरूरी हैं। ग्रामीण और शहरी राजनीति में भी बड़े फेरबदल होंगे। सबसे महत्वपूर्ण होगा कि इसे कब से लागू माना जाए। खासकर पंचायतों या निगम चुनाव तक। दोबारा परिसीमन भी करना होगा। पूरा मामला अब कलेक्टर के हाथ में है। वे ही पूरी प्रक्रिया को अंजाम देंगे।