डिण्डौरी। वनविभाग की एक मीटिंग में वनविभाग के खिलाफ स्टेटमेंट देने वाले कांग्रेस विधायक को पहले डीएफओ ने सबके सामने लताड़ा, फिर समझौता किया और दूसरे दिन उनके समर्थकों के खिलाफ 000 दर्ज करा डाली। इसके बाद कांग्रेस आंदोलित हो गई है।
यहां बता दें कि वन मण्डल कार्यालय परिसर में कार्य आयोजना संबंधी बैठक वन विभाग द्वारा सगरिया भवन वन विश्राम गृह डिण्डौरी में विगत 3 जनवरी गुरूवार को आयोजित की गई थी। बैठक में मुख्य वन संरक्षक जबलपुर राजेश कुमार, कलेक्टर मदन कुमार, वन संरक्षक एल पी तिवारी एवं मनोज अग्रवाल तथा डीएफओ संजय श्रीवास्तव सहित वन विभाग का अमला एवं वन सुरक्षा समितियों के सदस्य और क्षेत्रीय विधायक ओमकार सिंह मरकाम कांग्रेसजनों सहित उपस्थित रहे।
कार्य आयोजना के संबंध में वनों की कटाई, वनों की सुरक्षा और भूमि उपचार के विषय में व्यापक चर्चाऐं की गईं। वन सुरक्षा समितियों के सदस्यगणों और कांग्रेस विधायक मरकाम ने अपने साथियों सहित वनों की अंधाधुंध कटाई का विरोध किया था। जबकि वन विभाग के अधिकारी वनों की कटाई के लिए अनेक तरह के तर्क दे रहे थे।
पहले विधायक से उलझे डीएफओ
बैठक के बाद मुख्य वन संरक्षक ने कार्यक्रम में उपस्थित कलेक्टर, विधायक तथा उनके साथियों और अधिकारियों से सगरिया भवन पहुंचने का आग्रह किया। बैठक समाप्त होने के बाद जब सभी लोग सगरिया भवन जा रहे थे तभी डीएफओ श्रीवास्तव और विधायक मरकाम के बीच वनों की कटाई तथा गाड़ासरई डिपों में हैण्डपंप स्थापित किये जाने को लेकर वादविवाद हो गया। गरमा-गरमी के दौरान डीएफओ श्रीवास्तव जब सगरिया भवन की ओर जा रहे थे तब उन्होंने विधायक मरकाम और कांग्रेसजनों को अपशब्द कह दिये, जिससे माहौल बिगड़ गया। विधायक और उनके साथी अपशब्द कहे जाने का जमकर विरोध करने लगे और उन्होंने सगरिया भवन में उपस्थित कलेक्टर मदन कुमार तथा मुख्य वन संरक्षक राजेश कुमार से डीएफओ श्रीवास्तव द्वारा की गई अभद्रता की मौखिक शिकायत भी की।
पुलिस से की झूठी शिकायत
सगरिया भवन में मुख्य वन संरक्षक के साथ विधायक मरकाम और कांग्रेसजनों के अलावा वनसंरक्षक एल पी तिवारी, वन संरक्षक मनोज अग्रवाल, डीएफओ संजय श्रीवास्तव सहित वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। प्रोजेक्टर द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन को देखने के बाद मुख्य वन संरक्षक ने विधायक और डीएफओ से विवाद समाप्त कर वातावरण सामान्य करने का आग्रह किया । थोड़ी बहुत कहा सुनी के बाद दोनों पक्षों ने विवाद को समाप्त करना ही उचित समझा जिसके बाद वातावरण पूरी तरह सामान्य हो गया। बैठक के दिन 3 जनवरी को न तो विधायक और न ही डीएफओ ने उच्चाधिकारियों एवं पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन दूसरे दिन डीएफओ संजय श्रीवास्तव द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पत्रकार एवं नवनिर्वाचित मण्डी सदस्य नित्यानंद कटारे के विरूद्ध झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। इस तरह की गई कार्यवाई से विधायक मरकाम सहित कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी क्षुब्ध हैं। वहीं सांसद बसोरी सिंह मसराम ने निरापराध कांग्रेस नेता के विरूद्ध मामला दर्ज किये जाने का विरोध किया है और कहा है कि यदि कांग्रेसजनों पर झूठे मामले दर्ज किये जायेंगे तो कांग्रेस पार्टी इसका जमकर विरोध करेगी।
आदिवासी विधायक के साथ अभद्रता किया जाना निंदनीय है, मैं इस मामले को लेकर विधानसभा में सवाल-जवाब करूंगा। मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरूद्ध झूठी शिकायत किये जाने का कांग्रेस पार्टी विरोध करेगी।
ओमकार सिंह मरकाम
विधायक
एवं अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी