आठ जिलों के एसपी को नोटिस: कर रहे हैं अवैध सिक्यूरिटी सर्विस का संचालन

भोपाल/ मध्यप्रदेश पुलिस ने हाईप्रोफाइल लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के नाम पर सिक्योरिटी सर्विस तो शुरू कर दी, लेकिन न तो सिक्यूरिटी सर्विस का पंजीयन कराया और न ही सर्विस टैक्स जमा किया। भोपाल सहित आठ जिलों के एसपी ने कानून का पालन नहीं किया और सर्विस टैक्स जमा नहीं कराया। अब एक्साइज एंड सर्विस टैक्स विभाग सभी के खिलाफ रिकवरी नोटिस जारी किए हैं। 

जानकारी के मुताबिक विभाग ने पूर्व में भोपाल कमिश्नरेट में आने वाले 27 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी किया था। इसमें सिक्युरिटी सर्विस से होने वाली कमाई पूछी गई थी। तब पता चला कि पुलिस अधीक्षकों ने ऐसी सेवाएं देने के लिए रजिस्ट्रेशन ही नहीं लिया। इसके बाद विभाग ने अपने स्तर से जांच शुरू की। एसपी तलब किए गए। अब जाकर विभाग ने 8 एसपी के खिलाफ डिमांड तय कर दी है। 

सूत्र बता रहे हैं कि विभाग की इस कार्रवाई से पुलिस मुख्यालय में भी हलचल है। एडीजी (वित्त) ने विभाग को भरोसा दिलाया है कि वे टैक्स भर देंगे। उन्होंने संबंधित बैंकों को चिट्ठी भी लिखी है कि वे भी सीधे विभाग में टैक्स जमा करा दें। भोपाल के मामले में पुलिस अधिकारियों ने सेंट्रल एक्साइज व सर्विस टैक्स विभाग भोपाल के कमिश्नर डीके वर्मा से चर्चा भी की। 

पांच साल की रिकवरी : यह सेवा 2006-07 में सर्विस टैक्स अधिनियम की सूची में शामिल हुई थी। इसके बाद से किसी भी पुलिस अधीक्षक द्वारा टैक्स नहीं दिया गया। इसीलिए इस मामले में 2007 से लेकर 2011 तक की डिमांड निकाली गई है। भोपाल के मामले में 2012 की भी इनक्वायरी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक भोपाल और विदिशा ने रजिस्ट्रेशन ले लिया है।


कहां कितना बकाया 


  1. भोपाल : 1 करोड़ 3 लाख 
  2. बैतूल : 14 हजार 239 
  3. हरदा : 49 हजार 133 
  4. होशंगाबाद : 4 लाख 61 हजार 182 
  5. रायसेन : 5 लाख 52 हजार 559 
  6. जबलपुर : 12 लाख 38 हजार 90 
  7. छिंदवाड़ा : 44 लाख 97 हजार 443 
  8. सागर : 11 लाख 46 हजार 27 

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