भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज सीएम पर आरोप लगाया है कि वो हमारी योजनाओं का क्रेडिट खा रहे हैं। उनका कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा को धोखा बताते हुए कहा कि ई-पंचायत और पंचायतों में और लेखापाल की नियुक्ति केंद्र सरकार की राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना के तहत है जिसे मुख्यमंत्री ने ऐसा बताया कि जैंसे वह उनकी अपनी योजना है।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना एवं 13वें वित्तीय आयोग के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार को करोड़ों रूपये मिले है।
उन्होंने कहा कि पहले पंच परमेशवर योजना बनाकर सरकार ने भारत सरकार से मिलने वाली राशि को इस योजना में शामिल कर वाहवाही लूटी और करोड़ों रूपये के विज्ञापन छपवाए। अब पंचायत प्रतिनिधियों को प्रलोभन देने के लिए मानदेय बढ़ाने की घोषणा के साथ जो अन्य घोषणाए की है वह सब केंद्र सरकार की है। श्री सिंह ने कहा कि चुनावी साल में साम-दाम, दंड-भेद की जो नीति सरकार अपना रही है यह घटिया और ओछी है।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी सशक्तिकरण योजना के तहत बहुत पहले पंचायतों को जो सशक्त बनाने के लिए सरकार को जो पैसा मिला उसका उपयोग करने में सरकार को कोई दिलचस्पी नहीं है। ई-पंचायत बनाने के लिए भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को पांच वर्ष पहले 13 जिन आयोग के जरिए राशि दी वहीं लेखापाल की नियुक्ति के लिए आवंटन किया लेकिन मध्यप्रदेश सरकार सिर्फ वाहवाही लूटने के अभियान में लगी है और उसकी कोई दिलचस्पी नही है। श्री सिंह ने कहा कि पंचायत भवन नहीं, पूरी पंचायतों का अब तक कंप्यूटरी करण नहीं हुआ यहां तक की लेखापालों की नियुक्ति तक नही हुई। श्री सिंह ने कहा कि घोषणावीर मुख्यमंत्री को घोषणाएं इतनी प्रिय है कि बहुत सी घोषणाएं पूर्व में कर चुके है यह भूल जाते है या उन्हें यह गलतफहमी है कि जनता भूल जाती है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री फर्जी आंकड़ों के जरिए भारत सरकार से कोई पुरस्कार मिलता है तो बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित कराती है लेकिन भारत सरकार की योजनाओं को अपने नाम से कर लगाकर करने की घटिया राजनीति करती है।