अक्सर हमें WhatsApp पर दोस्तों या परिवार से लिंक मिलते हैं। आमतौर पर ये हानिरहित होते हैं, लेकिन "GhostPairing" नाम का एक नया और चालाकी भरा स्कैम ठीक इसी तरीके का इस्तेमाल आपके अकाउंट को हाईजैक करने के लिए कर रहा है।
GhostPairing स्कैम के बारे में 3 चौंकाने वाली बातें
यह अभियान पहली बार चेकिया (Czechia) में देखा गया था, लेकिन यह दुनिया भर में फैल सकता है, जिससे यह एक गंभीर वैश्विक खतरा बन गया है। यह हमला इतना चालाकी से किया जाता है कि पीड़ित खुद ही हैकर को अपने अकाउंट का पूरा एक्सेस दे देता है। इस न्यूज़ आर्टिकल में, इस हमले के सबसे आश्चर्यजनक पहलुओं को उजागर किया गया है और आपको बताया गया है कि आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। सबसे पहले इसके बारे में तीन चौंकाने वाली बातें जानते हैं:-
1. यह कोई हैकिंग नहीं, बल्कि WhatsApp के ही एक फीचर का दुरुपयोग है
इस स्कैम की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें WhatsApp की सुरक्षा को तोड़ा नहीं जाता। इसके बजाय, यह WhatsApp के एक वैध फीचर "डिवाइस लिंकिंग" का दुरुपयोग करता है। यह वही फीचर है जिसका उपयोग आप अपने फोन से QR कोड स्कैन करके WhatsApp को अपने कंप्यूटर पर चलाने के लिए करते हैं। हमलावर आपको धोखा देकर अपने डिवाइस को आपके अकाउंट से लिंक करवा लेते हैं, जिससे उन्हें आपकी सभी चैट्स का एक्सेस मिल जाता है।
2. स्कैमर आपसे ही आपका अकाउंट हैक करवाता है
इस स्कैम में हैकर कोई तकनीकी जादू नहीं करता, बल्कि वह मनोवैज्ञानिक रूप से आपको बरगलाकर सारा काम आपसे ही करवा लेता है। यह प्रक्रिया इस प्रकार काम करती है:
1. लालच: हमलावर आपको किसी जानने वाले के नंबर से एक लिंक भेजता है, जिसमें आपकी कोई ऑनलाइन तस्वीर होने का दावा किया जाता है। भरोसा जगाने के लिए, यह लिंक फेसबुक प्रीव्यू जैसा दिखता है।
2. नकली पेज: जब आप लिंक पर क्लिक करते हैं, तो यह आपको एक नकली फेसबुक पेज पर ले जाता है। यह पेज असली फेसबुक जैसा दिखता है, लेकिन इसका वेब एड्रेस थोड़ा अलग हो सकता है। यह पेज आपको बताता है कि कंटेंट देखने के लिए आपको अपना फोन नंबर डालकर वेरिफाई करना होगा।
3. असली रिक्वेस्ट: जैसे ही आप अपना फोन नंबर डालते हैं, हमलावर उस नंबर का उपयोग करके WhatsApp से डिवाइस लिंक करने की एक असली रिक्वेस्ट शुरू कर देता है।
4. अंतिम चरण: इसके बाद, आपको WhatsApp की तरफ से एक असली पेयरिंग कोड मिलता है। नकली वेबसाइट आपको यह कोड डालने के लिए कहती है, और जैसे ही आप ऐसा करते हैं, आप अनजाने में हमलावर को अपने अकाउंट का पूरा एक्सेस दे देते हैं।
हालांकि WhatsApp का संदेश स्पष्ट रूप से बताता है कि यह एक नए डिवाइस को लिंक करने का प्रयास है, लेकिन स्कैमर द्वारा बनाई गई हड़बड़ी की स्थिति में उपयोगकर्ता अक्सर इस चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। विडंबना यह है कि अकाउंट हैक करने का अंतिम कदम पीड़ित खुद ही उठाता है।
हैकर आपके अकाउंट में एक "भूत" की तरह छिप जाता है
यह स्कैम इसलिए इतना खतरनाक है क्योंकि यह चुपके से होता है। पीड़ितों को अक्सर पता ही नहीं चलता कि उनके अकाउंट से कोई दूसरा डिवाइस जोड़ा गया है। हमलावर चुपचाप आपके सभी मैसेज पढ़ सकता है, मीडिया देख सकता है, और आपके कॉन्टैक्ट्स को यही स्कैम वाला लिंक भेजकर आपके नाम का दुरुपयोग कर सकता है।
Gen Digital गंभीर चेतावनी जारी करते हुए बताता है कि:-
"कई पीड़ितों को यह पता नहीं होता है कि बैकग्राउंड में एक दूसरा डिवाइस जोड़ा गया है, जो इस स्कैम को और भी खतरनाक बनाता है - अपराधी आपके अकाउंट में छिपे हुए हैं, और आपकी हर बातचीत को आपकी जानकारी के बिना देख रहे हैं।"
GhostPairing स्कैम से खुद को कैसे सुरक्षित रखें
आप कुछ सरल लेकिन प्रभावी तरीकों से इस हमले का पता लगा सकते हैं और इसे रोक सकते हैं:
हमले का पता लगाना: यह जांचने का एकमात्र तरीका है कि आपका अकाउंट सुरक्षित है या नहीं, WhatsApp में सेटिंग्स → लिंक्ड डिवाइसेस (Settings → Linked Devices) पर जाएं। यहां देखें कि क्या कोई ऐसा डिवाइस जुड़ा है जिसे आप नहीं पहचानते। अगर ऐसा है, तो उसे तुरंत हटा दें।
सतर्क रहें: हमेशा उन संदेशों से सावधान रहें जो आप पर तुरंत कार्रवाई करने का दबाव बनाते हैं, भले ही वे किसी जानने वाले के नंबर से आए हों।
ब्लॉक और रिपोर्ट करें: किसी भी संदिग्ध संदेश या लिंक को तुरंत ब्लॉक करें और WhatsApp पर उसकी रिपोर्ट करें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्रिय करें: अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त परत जोड़ने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two-Factor Authentication) को जरूर सक्रिय करें।
निष्कर्ष
GhostPairing जैसे स्कैम यह दिखाते हैं कि हमलावर अब केवल तकनीकी हैकिंग पर नहीं, बल्कि लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से बरगलाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि एक व्यापक हमले का हिस्सा है जो कई मैसेजिंग ऐप्स को निशाना बनाता है। यह हमें सिखाता है कि हमें सिर्फ एक स्कैम से नहीं, बल्कि इस तरह की पूरी हमलावर रणनीति से सावधान रहना होगा।
अगली बार जब आपको किसी दोस्त से कोई अनपेक्षित लिंक मिले, तो क्या आप क्लिक करने से पहले एक पल रुककर सोचेंगे?
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भारत में लाखों लोगों की आदत है, हर समस्या के समाधान के लिए कंप्लेंट नंबर या है हेल्पलाइन नंबर सर्च करने लगते हैं। ऐसे लोग अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं। जरा सोचिए, जो हैकर नकली फेसबुक बनाकर आपका व्हाट्सएप हैक कर रहा है क्या वह व्हाट्सएप का नकली पेज नहीं बन सकता?
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