मुंबई, 18 दिसंबर 2025: यह समाचार वैसे तो भारत के कई वर्गों को प्रोत्साहित करने वाला है लेकिन कोयला में निवेश करने वाले इन्वेस्टर के लिए और कोयला से संबंधित कारोबार करने वाले छोटे व्यापारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की ताजा रिपोर्ट इस कारोबार में बड़े बदलाव का संकेत देती है। जो प्लानिंग कर लेगा वह संभल जाएगा नहीं तो कोयले के कारोबार में हाथ तो काले होते ही थे, क्या पता आग भी लग जाए।
भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी में जबरदस्त प्रोग्रेस की है
पर्यावरण के पत्रकार श्री निशांत सक्सेना की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनर्जी शिफ्ट इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर पुत्रा अधिगुना का मानना है कि स्वच्छ ऊर्जा अब कोयले से आगे निकल रही है। लागत, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु लक्ष्यों तीनों फ्रंट पर क्लीन एनर्जी तेजी से मजबूत हो रही है।इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की ताजा रिपोर्ट काफी उम्मीद जगाती है। ई3जी की मधुरा जोशी कहती हैं कि भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी में जबरदस्त प्रोग्रेस की है, और 2025 रिकॉर्ड ब्रेकिंग साल बन सकता है। अगर ये स्पीड बनी रही और बैटरी स्टोरेज के साथ एक्सपैंशन हुआ, तो भारत अपने इकोनॉमिक ग्रोथ, एनर्जी सिक्योरिटी और क्लाइमेट गोल्स को एक साथ अचीव कर सकता है।
कोयला डिक्लाइन की तरफ जा सकता है
कुल मिलाकर, IEA की रिपोर्ट क्लियर मैसेज दे रही है कि ग्लोबल कोयला मार्केट पुराने दिनों में वापस नहीं जा रहा। कोयले की स्टोरी खत्म तो नहीं हुई, लेकिन उसका डायरेक्शन और स्पीड दोनों चेंज हो चुकी हैं। रिन्यूएबल्स की ग्रोथ, न्यूक्लियर और LNG जैसी ऑप्शंस की वजह से कोयला अब प्लेटो पर पहुंच गया है, और आने वाले सालों में धीरे-धीरे डिक्लाइन की तरफ जा सकता है।
हाल ही में दिसंबर 2025 में आई IEA की Coal 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल कोयला डिमांड इस साल रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है (करीब 8.85 बिलियन टन) लेकिन 2030 तक ये 3 प्रतिशत तक कम हो सकती है। भारत में 2025 में कोयला यूज थोड़ा कम हुआ है, खासकर पावर सेक्टर में मजबूत मॉनसून और रिन्यूएबल्स की वजह से, जबकि इंडस्ट्री में डिमांड बढ़ रही है। लंबे टर्म में भारत कोयला डिमांड में बड़ा इजाफा करेगा, लेकिन क्लीन एनर्जी की रफ्तार से कोयले का शेयर पावर मिक्स में 70 प्रतिशत से घटकर 60 प्रतिशत तक आ सकता है। ये सब मिलकर बताता है कि ट्रांजिशन हो रहा है, बस धीरे-धीरे और रीयलिस्टिक तरीके से।
शेयर मार्केट में कोयला सेक्टर की स्थिति: कोल इंडिया स्टॉक अपडेट दिसंबर 2025
दिसंबर 2025 के मिड में शेयर मार्केट में कोयला सेक्टर थोड़ा मिक्स्ड नजर आ रहा है। सबसे बड़ा प्लेयर कोल इंडिया लिमिटेड का शेयर प्राइस अभी 380 से 385 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा है। 17 दिसंबर को ये करीब 384.75 रुपये पर था, जबकि कुछ दिन पहले 381-383 के लेवल पर घूम रहा था। 52 वीक हाई 417-421 रुपये रहा, और लो 349 रुपये के आसपास। कुल मिलाकर साल भर में स्टॉक में ज्यादा बड़ा मूवमेंट नहीं हुआ, बल्कि थोड़ा साइडवेज टू डाउनट्रेंड दिखा है।
ये स्थिति क्यों है? क्योंकि ग्लोबल कोयला प्राइसेज काफी गिर चुके हैं
2025 में 27% तक ड्रॉप की बात हो रही है, एवरेज 100 डॉलर प्रति टन के आसपास। वजह है डिमांड कम होना, खासकर चाइना और इंडिया में रिन्यूएबल एनर्जी की ग्रोथ और हाई स्टॉक्स। इंडिया में कोल इंडिया का प्रोडक्शन तो बढ़ा है, नवंबर में 68 मिलियन टन तक पहुंचा, जो पिछले साल से बेहतर है, लेकिन ऑफटेक थोड़ा कम हुआ, पावर सेक्टर में मॉनसून और क्लीन एनर्जी की वजह से। अप्रैल-नवंबर में ऑफटेक 2% तक गिरा।
फिर भी पॉजिटिव साइड ये है कि कोल इंडिया का डिविडेंड यील्ड अच्छा खासा 6.9% के आसपास है, जो इन्वेस्टर्स को अट्रैक्ट करता है। मार्केट कैप 2.35-2.37 लाख करोड़ के रेंज में स्टेबल है, और PE रेशियो 7.5-7.6 काफी लो है, मतलब वैल्यूएशन अट्रैक्टिव लग रहा है लॉन्ग टर्म के लिए। गवर्नमेंट की नई पॉलिसी से लिंकेज रिस्ट्रिक्शंस हटे हैं, जो डोमेस्टिक यूज बढ़ा सकती है और इंपोर्ट्स कम कर सकती है।
अन्य कोयला स्टॉक्स जैसे गुजरात मिनरल डेवलपमेंट या छोटे प्लेयर्स भी इसी ट्रेंड में हैं। ज्यादा उछाल नहीं है। ग्लोबल लेवल पर IEA कह रहा है कि 2025 में कोयला डिमांड रिकॉर्ड हाई पर रहेगी, लेकिन 2026 से प्लेटो या डिक्लाइन की तरफ जाएगी। इंडिया में थर्मल कोयला डिमांड 3% बढ़ सकती है, जो सपोर्ट देगा।
निष्कर्ष:-
अब आप यह भी कह सकते हैं कि, शॉर्ट टर्म में प्रेशर है ग्लोबल प्राइसेज और ट्रांजिशन की वजह से, लेकिन डिविडेंड और वैल्यू के लिए कोयला स्टॉक्स अभी भी होल्ड करने लायक लग रहे हैं। और यह भी कह सकते हैं कि अगर रिन्यूएबल्स की स्पीड के साथ प्रेशर बढ़ रहा है। यदि अपने कोयले को राख में नहीं बदलना है तो EXIT करने का यही बिल्कुल सही समय है। कुल मिलाकर मार्केट वोलेटाइल है, तो अपना रिसर्च या एडवाइजर से चेक जरूर करें।
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