भोपाल, 11 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किलोमीटर दूर, पड़ोसी जिले सीहोर के एक गांव में VIT BHOPAL के नाम से संचालित प्राइवेट टेक यूनिवर्सिटी ने सरकार के नोटिस का जवाब दे दिया है। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने दावा किया कि हमारे यहां वर्ल्ड क्लास सुविधाएं हैं। खाना पानी की रत्ती भर प्रॉब्लम नहीं है। स्टूडेंट्स को भड़काया गया था, इसलिए सारा कांड हो गया।
VIT भोपाल यूनिवर्सिटी ने नोटिस का 49 पन्नों में जवाब दिया
VIT भोपाल यूनिवर्सिटी ने मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जारी शो-कॉज नोटिस का विस्तृत जवाब देते हुए सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। विश्वविद्यालय ने 49 पृष्ठों के रिप्लाई में कहा कि खराब खाना, दूषित पानी, मेडिकल सुविधाओं की कमी और छात्रों के साथ दुर्व्यवहार जैसे आरोप भ्रमजनक, तथ्यहीन और गलत जानकारी पर आधारित हैं। प्रशासन ने इसे सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों और फेक न्यूज़ का नतीजा बताया।
हमारे पानी की क्वालिटी पानी की क्वालिटी ISO 10500
VIT प्रशासन के अनुसार कैंपस में 8 बॉयज़ हॉस्टल और 2 गर्ल्स हॉस्टल हैं। भोजन की व्यवस्था इंदौर, भोपाल और चेन्नई के नामी केटरर्स से की जाती है। हर महीने स्टूडेंट फूड कमेटी मेन्यू तय करती है और फीडबैक पर तुरंत एक्शन लिया जाता है। पानी की क्वालिटी ISO 10500 मानकों के मुताबिक नियमित टेस्ट होती है। कैंपस में ओजोनाइजर, सैंड फिल्टर और वॉटर सॉफ्टनर जैसे एडवांस सिस्टम लगे हैं। विश्वविद्यालय ने ऐलान किया कि जल्द ही कैंपस में खुद की फूड और वॉटर टेस्टिंग लैब शुरू की जाएगी और रिपोर्ट्स को यूनिवर्सिटी पोर्टल पर पब्लिक कर दिया जाएगा।
17121 में से पीलिया केस सिर्फ 35, तुरंत इलाज कराया
कुल 17,121 छात्रों (9,271 लड़के और 3,870 लड़कियां) में से सिर्फ 35 छात्रों में ही पीलिया के लक्षण मिले और उन्हें तुरंत इलाज मुहैया कराया गया। कैंपस में 8 बेड का हॉस्पिटल, 4 डॉक्टर और 6 नर्स 24×7 उपलब्ध रहते हैं। गंभीर केस में चिरायु जैसे बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है। मेडिकल रिपोर्ट न देने का आरोप भी यूनिवर्सिटी ने गलत बताया और कहा कि सारी रिपोर्ट्स पहले ही कमेटी को सौंप दी गई हैं।
सुरक्षा और डिसिप्लिन के आरोप भी खारिज
- बिना वजह जांच अधिकारियों की गाड़ी रोकने, अधिकारी को 2 घंटे रोके रखने, ID कार्ड जब्त करने या धमकाने जैसे आरोपों को पूरी तरह फर्जी बताया गया।
- 75% अटेंडेंस नियम सभी यूनिवर्सिटी में लागू होता है, इसमें कोई मनमानी नहीं है।
25 नवंबर को स्टूडेंट्स क्यों भड़क गए थे
यूनिवर्सिटी के जवाब में कहा गया कि 25 नवंबर 2025 को सोशल मीडिया और वॉट्सएप ग्रुप्स में अफवाह फैलाई गई कि 3 छात्रों की मौत हो गई और 300 गंभीर हालत में हैं। इसके बाद कुछ छात्रों ने बॉयज़ हॉस्टल 1, 6 और 8 से विरोध शुरू किया जो हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने एक एम्बुलेंस, एक बस और तीन कारें जला दीं, कई वाहनों के शीशे तोड़े, सर्विलांस बिल्डिंग व हॉस्टल का CCTV सिस्टम तहस-नहस कर दिया। लैब कॉम्प्लेक्स में घुसकर कंप्यूटर और गेमिंग PCs को नुकसान पहुंचाया। वार्डन और सिक्योरिटी स्टाफ के साथ मारपीट भी हुई। स्थिति काबू करने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स बुलानी पड़ी।
हम वर्ल्ड क्लास एवं बेस्ट यूनिवर्सिटी हैं, नोटिस वापस ले लो प्लीज
VIT भोपाल ने शो-कॉज नोटिस को “असत्य और अपुष्ट सूचनाओं” पर आधारित बताते हुए इसे वापस लेने और निष्पक्ष सुनवाई का मौका देने की अपील की है। साथ ही विश्वविद्यालय ने अपनी उपलब्धियां भी गिनाईं – 2017 में स्थापना के बाद से देश की टॉप प्राइवेट टेक यूनिवर्सिटी में शुमार, ग्लोबल यूनिवर्सिटी से MoU, 100% डॉक्टरेट फैकल्टी, हाई-टेक लैब्स और शानदार प्लेसमेंट रिकॉर्ड।
अतिरिक्त जानकारी
हालांकि अभी तक राज्य सरकार की ओर से VIT के इस जवाब पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सरकार की ओर से कराई गई जांच में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट को दोषी बताया गया है। जब विधानसभा में मामला उठा तो भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के विधायकों ने यूनिवर्सिटी में कई प्रकार की गड़बड़ के आरोप लगाए थे। उच्च शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया था कि जवाब मिलने के बाद यूनिवर्सिटी को सरकारी नियंत्रण में ले लिया जाएगा।
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