भोपाल, 11 दिसंबर 2025: ब्राह्मण समाज की एकता का असर दिखाई दिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ चल रहे गंभीर अनियमितता और फर्जीवाड़े के मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद GAD ने तत्काल प्रभाव से कई बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें संतोष वर्मा की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में हुई पदोन्नति को पूरी तरह अवैध घोषित करना और उन्हें IAS से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना शामिल है।
मामले की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
1. संतोष वर्मा ने राज्य प्रशासनिक सेवा से IAS में प्रमोशन के लिए फर्जी और जाली आदेश तैयार किए थे। उनके खिलाफ अलग-अलग कोर्ट में आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मिली IAS पदोन्नति को पूरी तरह गलत मानते हुए राज्य सरकार अब उन्हें IAS से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज रही है।
2. संतोष वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए संनिष्ठा प्रमाण पत्र (Integrity Certificate) हासिल किया था। इस संबंध में विभागीय जांच अपने अंतिम चरण में है। जांच में उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया और वे लगातार सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से मर्यादा विहीन बयान जारी कर रहे हैं। इसलिए उनके खिलाफ चार्जशीट जारी करने का फैसला लिया गया है।
3. राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से संतोष वर्मा को उप सचिव (कृषि विभाग) के पद से हटा दिया है। अब उन्हें GAD पूल में बिना किसी विभाग और बिना कोई काम सौंपे अटैच कर दिया गया है। यानी फिलहाल उनके पास कोई पावर या जिम्मेदारी नहीं रहेगी।
यह पूरा मामला तब सुर्खियों में आया जब संतोष वर्मा ने ब्राह्मण समाज की बेटी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। इसके बदले में ब्राह्मण समाज ने पूरे प्रदेश में विरुद्ध दर्ज कराया। यहां तक की भाजपा में ब्राह्मण समाज के नेताओं ने भी सरकार और पार्टी के सामने अपना स्पष्ट पक्ष रखा। इसके बाद भी जब एक्शन नहीं हुआ तो ग्वालियर के ब्राह्मण नेता एडवोकेट अनिल शर्मा ने 14 दिसंबर को भोपाल में मुख्यमंत्री कार्यालय के घेराव का ऐलान किया। भोपाल समाचार डॉट कॉम द्वारा इस समाचार को प्रसारित किए जाने के 6 घंटे के भीतर संतोष वर्मा के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो गई।
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